आरएसएस शहर से लेकर गांव तक बनाएगा आरोग्य मित्र

संजय कुमार ने बताया कि संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस बार योजनाबद्ध तरीके से इस कार्य को पूरा किया जाएगा।

 
आरएसएस शहर से लेकर गांव तक बनाएगा आरोग्य मित्र

देहरादून। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने देशभर के साथ उत्तराखंड में मोर्चा संभाल लिया है। इस अभियान के तहत शहर से लेकर गांव तक के हर गली-मोहल्ले में 62 हजार से ज्यादा आरोग्य मित्र बनाए जाएंगे। इस टोली में चिकित्सक से लेकर समाज के प्रभावी लोगों को शमिल किया जाएगा। इससे पूर्व पहली और दूसरी लहर में संघ की ओर से 56 से ज्यादा दिनों तक सेवा कार्य को अनवरत चलाया गया था।

सोमवार को राजपुर रोड स्थित विश्व संवाद केंद्र पर प्रांत के सह प्रचार प्रमुख संजय कुमार ने पत्रकार सम्मेलन में यह जानकारी दी। इस दौरान बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूरे देश में डब्ल्यूएचओ और देश के जाने-माने वैज्ञानिकों की ओर से कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर आरोग्य मित्र कार्यशाला में व्यापक स्तर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।

संजय कुमार ने बताया कि संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस बार योजनाबद्ध तरीके से इस कार्य को पूरा किया जाएगा। स्वयंसेवक अभी से योजना बनाकर बस्तियों तक पहुंच जाएं। इसके लिए प्रत्येक गली मोहल्ले और क्षेत्र में आरोग्य मित्र बनाने का कार्य शुरू किया गया है। हमने कोरोना की पहले दो लड़ाइयां लड़ी हैं। इस बार आरोग्य मित्र प्रशिक्षण शुरू कर दिया है, जिससे लोगों की सहायता की जा सके।

उन्होंने बताया कि महामारी के दौरान सामाजिक संगठनों ने अपना जीवन दांव पर लगा कर बढ़-चढ़कर अपना सहयोग दिया। संभावित तीसरी लहर में आशा करते हैं कि आए ही न। उसके लिए हमें घर-घर वैक्सीन लगवाने के लिए आम जनता को जागरूक करना होगा।

संजय कुमार ने कहा कि आरोग्य मित्र प्रशिक्षण योजना में ऑक्सीजन सपरेटर कैसे यूज करना,थर्मामीटर कैसे लगाना, आक्सीमीटर को कैसे इस्तेमाल करना, कौन-कौन से योग कोरोना में लाभकारी हैं और क्या-क्या घरेलू उपचार संभावित लहर आने पर कर सकते हैं, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर टीम में पांच लोगों को शामिल करने की योजना है ताकि यह टीम हर क्षेत्रों में आसानी से पहुंच सके।

इससे पहले पहली और दूसरी लहर में 558 स्थानों पर 33,41 कार्यकर्ताओं ने अधिकतक 56 दिन तक सेवा कार्य किया। दूसरी लहर के समय प्लाज्मा और ऑक्सीजन सिलेंडर व्यवस्था के साथ रोगियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। यहीं नहीं राज्य के हल्द्वानी सहित अन्य स्थानों पर संक्रमित मरीज की मौत बाद दाह संस्कार कार्य को संपन्न किया गया। उनके परिवार की आवश्यक जरुरतों को ध्यान में रखते हुए सहयोग किया गया। अस्पताल से लेकर घर और बस्ती तक भोजन और दवाइयां वितरित की गईं।

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उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण न्यूनतम रहे, इसके लिए लोगों को जागृत करना और गांव-गांव तक जाना, बच्चों के आसपास लक्ष्मण रेखा का निर्माण करना है। अधिक से अधिक लोगों तक आरोग्य मित्र प्रशिक्षण पुस्तिका पंहुचाना का कार्य किया जा रहा है।

दस हजार गांवों में किया जाएगा प्रशिक्षत-
उत्तराखंड प्रांत में 50 कार्यकर्ता,आठ विभाग में 880 और जिला में संघ की रचाना के अनुसार 26 जिलों में 260, खण्ड 128 में 1280,मंडल 712 में 3560 के अलावा दस हजार ग्रामसभाओं में 50 हजार, 80 नगरों में 800, 624 बस्ती में 6240 के साथ कुल 62270 लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके साथ ही आरोग्य मित्र प्रशिक्षण योजना पुस्तक भी लोगों को वितरित की जा रही है।

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समर्पण अभियान में 14 हजार गांव पहुंचे स्वयंसेवक-
संजय कुमार ने एक सवाल पर कहा कि श्रीराम जन्मभूमि समर्पण अभियान में भी संघ के स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर प्रभु श्रीराम के भक्तों से समर्पण एकत्रित किया। इसके तहत राज्य के कुल 14,607 ग्राम तक संघ कार्यकर्ता पहुंचे। इनमें 3304 कार्यकता लगे हुए थे। राज्यभर में 27158 पुरुष और 5882 बहनें लगी हुई थी। विभिन्न कार्यक्रमों में आयोजित बैठकों में 133 संत की सहभागिता भी रही।

उत्तराखंड से 32 करोड़ से ज्यादा एकत्र हुई समर्पण राशि-
राज्य में कुल समर्पण राशि 32 करोड़ 49 लाख 50 हजार 562 रुपये एकत्रित की गई। 51 हजार से 5 लाख देने वाले की संख्या 852 है। पांच लाख से 99 लाख देने वालों की संख्या 9 और एक करोड़ देने वाली संख्या एक है। पत्रकार वार्ता में महानगर दक्षिणी के प्रचार प्रमुख हिमांशु अग्रवाल, सह प्रचार प्रमुख बलदेव परासर, डॉ.दिनेश उपमन्यू मौजूद रहे।

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