कायद-ए-आजम जिन्ना को भी नहीं बख्शा, ग्वादर में उनकी मूर्ति को दस्ती बम से उड़ाया
कश्मीर में अत्याचारों का ढिंढोरा पीटने पर भी दुनिया के नोटिस न लेने का रोना रोया

नई दिल्ली। पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने अफगानिस्तान के उप सूचना एवं प्रसारण मंत्री और तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद का एक बयान प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि दुनिया कश्मीर में जारी भारतीय अत्याचार को बंद कराए। उनका कहना है कि हम कश्मीर, म्यांमार और फलस्तीन के भाइयों के राजनयिक और राजनीतिक समर्थन करते रहेंगे। उनका कहना है कि अफगानिस्तान की जमीन का पाकिस्तान समेत किसी भी देश के लिए कभी भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने देंगे। अखबारों ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के साथ चीन और कजाकिस्तान के राजदूतों की मुलाकात करने और उनसे अफगानिस्तान में व्यापार शुरू किए जाने पर चर्चा की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का एक बयान भी प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय उड़ाने शुरू की जानी चाहिएं। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि उड़ानों के संचालन के लिए सभी इंतजाम कर लिए गए हैं और सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई है।
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अखबारों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अध्यक्ष शहबाज शरीफ का एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि देश में महंगाई पूरे शबाब पर है। 2023 में होने वाले चुनाव में पीटीआई को पूरी तरह से दफन कर देंगे। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्रियों का एक बयान भी अखबारों ने छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि शरीफ और जरदारी परिवार के करप्शन की वजह से देश में महंगाई और दूसरे तमाम समस्याएं पैदा हुई हैं। अखबारों ने ग्वादर में बलूचिस्तान के तटीय इलाके में कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को दस्ती बम से उड़ाने की खबर दी है। अखबारों ने लिखा है कि इस घटना में प्रतिबंधित संगठनों के हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। अखबारों ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का एक बयान भी छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि हमें उम्मीद है कि तालिबान वादे पूरे करेंगे और अपनी जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए बिल्कुल नहीं होने देंगे। उनका कहना है कि तालिबान एक स्वतंत्र विचारधारा के लोग हैं। हम उनके किसी भी मामले में दखलअंदाजी नहीं करेंगे।
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अखबारों ने इमरान खान के संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में दिए गए भाषण को संयुक्त राष्ट्र संघ के यूट्यूब चैनल पर सबसे ज्यादा सुने और देखे जाने की खबरें भी दी हैं। अखबारों ने लिखा है कि इमरान खान के भाषण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से ज्यादा लोगों ने सुना और देखा है। अखबारों ने प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बयान भी छापा है जिसमें उन्होंने कहा कि कराची के तटवर्ती क्षेत्रों को सीपैक प्रोजेक्ट में शामिल करने से यहां के हालात काफी बेहतर हो जाएंगे। यह सभी खबरें रोजनामा दुनिया, रोजनामा खबरें, रोजनामा औसाफ, रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा एक्सप्रेस, रोजनामा नवाएवक्त और रोजनामा जंग ने अपने पहले पन्ने पर छापी हैं।
रोजनामा नवाएवक्त ने एक खबर जम्मू-कश्मीर से दी है। अखबार ने इसमें लिखा है कि जिला बांदीपोरा में सर्च ऑपरेशन के दौरान सेना और अर्धसैनिक बलों ने फायरिंग करके दो कश्मीरियों को मार गिराया है। ऑपरेशन के दौरान घरों में घुसकर तलाशी ली गई है। अखबार ने लिखा है कि 22 कश्मीरियों की जमीन भी छीने जाने की खबर आई हैं। अखबार ने बताया कि यह जमीन पहले कश्मीरी पंडितों के पास होने का दावा किया गया है। अखबार ने लिखा है कि ऐसी 10 और संपत्तियों की निशानदेही की गई है जो कश्मीरी पंडितों की है। रोजनामा दुनिया ने भी एक खबर दी है जिसमें प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार डॉक्टर मोईद यूसुफ ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से अफगानिस्तान की भूमि से भारत के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने के मामले पर नोटिस नहीं लेने पर चिंता जताई है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि भारत जम्मू-कश्मीर में कश्मीरियों के खिलाफ अत्याचार जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी की गई एक रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में किए जाने वाले तमाम अत्याचारों की जानकारी दी गई है मगर इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय बिरादरी भारत के खिलाफ किसी भी तरह का कोई नोटिस नहीं ले रही है।
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