पंजाब में हुआ राजनीतिक ड्रामा, सिद्धू कांग्रेस में बरकरार और कैप्टन ने लिया कांग्रेस छोड़ने का फ़ैसला
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ अपने 52 साल के जुड़ाव को समाप्त कर रहे है।

चंडीगढ़। पंजाब में चल रहे सियासी भूचाल ने गुरुवार को एक अलग रूप धारण कर लिया। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ अपने 52 साल के जुड़ाव को समाप्त कर रहे है। वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के साथ बैठक के बाद राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में पद छोड़ने के अपने फैसले को उलटते दिखाई दिए।
सिंह ने कहा कि वह पार्टी आलाकमान के अपमान और वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने के कारण कांग्रेस छोड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल नहीं होंगे।
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उनकी घोषणा चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर दिल्ली से उतरने के बाद हुई जहां उन्होंने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गुरुवार सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। 79 वर्षीय नेता ने जोर देकर कहा कि दोनों बैठकें गैर-राजनीतिक थीं और पंजाब में सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित थीं।
उन्होंने कहा, "मैं कांग्रेस में नहीं रह रहा हूं, मैं बीजेपी में शामिल नहीं हो रहा हूं," उन्होंने बाद में अपने ट्विटर बायो से कांग्रेस के संबंधित संदर्भ को हटा दिया।
यह घटनाक्रम उस दिन आया जब कांग्रेस पंजाब में अपनी सरकार को लेकर चल रही उथल-पुथल को हल करने के करीब पहुंच गई, पंजाब के वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सिद्धू से मुलाकात की जिन्होंने मंगलवार को पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में नाटकीय इस्तीफ़ा देकर पार्टी को फिर से संकट में डाल दिया। कांग्रेस पार्टी पहले से ही सिंह और सिद्धू के बीच एक महीने से चल रही खींचतान से जूझ रही थी।
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दो घंटे की बैठक में, चन्नी और सिद्धू ने सभी प्रमुख नीतिगत मामलों और सरकार के फैसलों पर पूर्व परामर्श के लिए एक समन्वय पैनल के गठन पर सहमति व्यक्त की।
बताया जा रहा है की नए पैनल के शुक्रवार तक गठन होने की संभावना है। वहीं मुख्यमंत्री चन्नी द्वारा उन दो नियुक्तियों पर भी निर्णय लेने की उम्मीद है, जिसका सिद्धू ने विरोध किया था।
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