कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक, 2021 राज्य विधानसभा में पेश, कॉंग्रेस ने किया विरोध
कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक, 2021 के राज्य विधानसभा में पेश होने पर विरोध करते हुए कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनए हैरिस ने कहा कि उन्होंने मंदिरों को तोड़ा, अब वे कह रहे हैं कि वे उनकी रक्षा करेंगे।

बेंगलुरू। आज मंगलवार 21 सितंबर को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक विधानसभा में कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक, 2021 को पेश किया गया। वैसे तो इस विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक संरचनाओं की रक्षा करना है, मगर विपक्षी कॉंग्रेस पार्टी ने विपक्ष को बिना विश्वास में लिए इस विधेयक को पेश करने के लिए कर्नाटक के भाजपा सरकार की आलोचना की है और इसे नाटक करार दिया है।
कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक, 2021 के राज्य विधानसभा में पेश होने पर विरोध करते हुए कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एनए हैरिस ने कहा कि उन्होंने मंदिरों को तोड़ा, अब वे कह रहे हैं कि वे उनकी रक्षा करेंगे। वे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। उन्हें किसी भी धार्मिक ढांचे को नहीं छूना चाहिए। वोट बैंक के लिए किया जा रहा है। सब कुछ कानूनी नहीं बनाया जा सकता। उन्हें चर्चा करनी चाहिए थी।
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दूसरी तरफ इस विधेयक के पेश होने पर खुशी जताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा, "हमने मंदिरों की रक्षा के लिए विधेयक पेश किया। हमें सभी धर्मों के संस्थानों की रक्षा करनी है।"
कर्नाटक धार्मिक संरचना (संरक्षण) विधेयक, 2021 के पेश होने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हम कर्नाटक सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। अगर इसे पहले पेश किया जाता तो हम कुछ मुद्दों से बचते हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर नाटक कर रही है।
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ज्ञात हो कि कर्नाटक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अवैध रूप से सार्वजनिक स्थान पर बने एक मंदिर को ढहा दिया गया था। इसके बाद भाजपा कानून लाकर इन्हें गिराए जाने से बचाना चाहती है। बता दें, सार्वजनिक स्थानों पर बनें मंदिरों व अन्य धार्मिक इमारतों को ढहाए व स्थानांतरित किए जाने को लेकर 2009 में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया था। यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कितना प्रभावी होगा यह आने वाला व्यक्त ही बताएगा।
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