सरकार-किसानों के बीच वार्ता होनी चाहिए : उपराष्ट्रपति

गुरुग्राम के सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि ने कृषि सुधार कानूनों की भी वकालत की।

 
सरकार-किसानों के बीच वार्ता होनी चाहिए : उपराष्ट्रपति

गुरुग्राम। भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पहली बार किसान आंदोलन पर कहा कि सरकार-किसानों के बीच डायलॉग (बातचीत) होनी चाहिए। किसानों को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने स्वयं भी किसान आंदोलनों में भाग लिया है। एक देश, एक मार्केट के लिए उन्होंने आंदोलन किया था। पूरी दुनिया खुल चुकी है, इसीलिए हमें नए विचारों और नए कदमों के लिए तैयार रहना चाहिए। यह बात उन्होंने रविवार को गुरुग्राम में किसानों के मसीहा दीनबन्धु सर छोटूराम के लेखों और भाषणों पर लिखी गई पुस्तकों के पांच संस्करणों का विमोचन करने के उपरान्त अपने संबोधन में कही।

गुरुग्राम के सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि ने कृषि सुधार कानूनों की भी वकालत की। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, अटल बिहार वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह और पूर्व उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल का भी जिक्र किया। वे बोले कि इन नेताओं ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज सुधार, जनहित की दिशा में काम किया। उन्होंने कहा कि वे भी चाहते थे कि किसानों के साथ संवाद हो और फसलों को बिक्री को लेकर किसी तरह की परेशानी ना हो।

उपराष्ट्रपति ने जाति-धर्म की राजनीति की खिलाफत करते हुए कहा कि देश की आजादी के दौरान धर्म के नाम पर देश के हो रहे बंटावारा का सर छोटूराम ने भी विरोध किया था। आज भी ऐसा होना चाहिए। अपनी जाति-धर्म को याद रखो, लेकिन इन्हें बांटकर राजनीति करनी सही नहीं। उन्होंने कहा कि सर छोटू राम एक महान विचारक थे। उन्होंने आर्य समाज के साथ मिलकर काम किया। उनका मानना था कि गांवों से देश की खुशहाली का रास्ता निकलता है।

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छोटूराम ने भविष्य के कृषि सुधारों की नींव रखी-
राष्ट्रपति ने कहा कि चौधरी छोटूराम जमीन से जुड़कर नए विचारों वाले आदमी थे। सरदार पटेल ने कहा था कि अगर छोटूराम जिंदा हैं तो मुझे पंजाब को लेकर कोई चिंता नहीं होती। चौधरी छोटूराम ने भविष्य के कृषि सुधारों की नींव रखी थी। नई तकनीक कृषि में लाने के लिए उन्होंने शोध स्थल बनवाए। खुद किसान रहते हुए जो समस्या उन्होंने देखी हो वो ही उनके समाधान की बात कर सकता है। उपराष्ट्रपति ने युवाओं को सर छोटूराम के जीवन दर्शन को पढ़ने, समझने की बात कही।

इस दिन का लंबे समय से इंतजार था-
उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम के लिए उन्हें काफी दिन से इंतजार था। कोविड और लॅाकडाउन की वजह से यह नहीं हो पाया था। लॉकडाउन के दौरान सभी कार्यक्रम वर्चुअल होते रहे हैं, लेकिन इस कार्यक्रम को मैं हरियाणा की धरती से करना चाहता था, जो आज हो पाया है। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सर छोटूराम के विचारों का संकलन कर सराहनीय काम किया है। हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी ने इन पुस्तकों को तैयार किया है।

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इस मौके पर उनके साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के अलावा पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला, उत्तराखंड के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह, भिवानी से सांसद धर्मबीर सिंह, रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ समेत हरियाणा के कई मंत्री व अलग-अलग राज्यों के वरिष्ठ लोग मौजूद रहे।

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