पश्चिम रेल द्वारा पहली बार सूरत से 202 टन वजन कपड़े को पार्सल ट्रेन से भेजा गया कोलकाता
पार्सल लोडिंग के लिए एनएमजी रेक (ऑटोमोबाइल यातायात के लिए प्रयुक्त होने वाले रेक) का उपयोग करने की अनुमति के साथ, मुंबई डिवीजन ने कपड़ा उद्योग की बड़ी कंपनियों के बीच उत्पाद का आक्रामक रूप से विपणन किया।

सूरत। पश्चिम रेलवे के मुंबई डिवीजन की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) ने पहली बार सूरत शहर के कपड़ा बाजार की विशाल क्षमता आर्डर लेकर हाल ही में चलथान से कोलकाता के पास स्थित शालीमार तक 202.4 टन वजन का कपड़ा पहुंचाया । इससे पश्चिम रेलवे को 9.66 लाख रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है। पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि शालीमार, टाटा नगर और अन्य लोकप्रिय गंतव्यों के लिए चलथान और सूरत स्टेशनों से वीपीयू के लिए नियमित मांगों की प्राप्ति हुई है।
पार्सल लोडिंग के लिए एनएमजी रेक (ऑटोमोबाइल यातायात के लिए प्रयुक्त होने वाले रेक) का उपयोग करने की अनुमति के साथ, मुंबई डिवीजन ने कपड़ा उद्योग की बड़ी कंपनियों के बीच उत्पाद का आक्रामक रूप से विपणन किया। ठाकुर ने बताया कि हाल ही में पश्चिम रेलवे के वडोदरा मंडल के बीडीयू ने भी किसान रेल के माध्यम से वडोदरा यार्ड से आदर्श नगर, दिल्ली तक 240 टन वजन वाले कच्चे केले का परिवहन कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है।
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ठाकुर ने बताया कि 1 अप्रैल से 1 सितम्बर तक पश्चिम रेलवे ने अपनी विभिन्न पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 1.1 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न, लगभग 40.78 करोड़ रु.का राजस्व प्राप्त हुआ है।
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पश्चिम रेलवे द्वारा लगभग 54 हजार टन भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 77 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, इसी तरह लगभग 16,000 टन भार वाली आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 91 कोविड-19 स्पेशल पार्सल ट्रेनें चलाई गईं। इनके अलावा लगभग 28,000 टन भार और शत-प्रतिशत उपयोग के साथ लगभग 58 इंडेंटेड रेक चलाए गए।
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