दिल्ली हिंसा: आरोपित तान्हा के मामले में पुलिस के हलफनामे पर 11 को विचार करेगा हाई कोर्ट
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि किसी भी पत्रकार ने अपने स्रोत के बारे में कुछ बताने से इनकार कर दिया।

नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा मामले के आऱोपित और जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने के बारे में दिल्ली पुलिस ने कई पत्रकारों से पूछताछ की है। दिल्ली पुलिस ने इस बात की सूचना हलफनामा के जरिये दिल्ली हाई कोर्ट को दी।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि किसी भी पत्रकार ने अपने स्रोत के बारे में कुछ बताने से इनकार कर दिया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान जांच अधिकारी को ये पता नहीं चल सका कि जांच से संबंधित सूचनाएं मीडिया के पास कैसे पहुंचीं। उसके बाद जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच ने दिल्ली पुलिस के हलफनामा पर 11 अगस्त को विचार करने का आदेश दिया।
तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने के मामले पर 5 मार्च को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने का मामला अब केवल आरोप नहीं हैं। मीडिया में छपने के बाद ये आरोप स्थापित हो चुके हैं। तब दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा था कि सूचनाएं लीक करने का आरोप उन पर नहीं मढ़ा जा सकता है। उसके बाद कोर्ट ने आरोपित तान्हा को अपने आरोप से संबंधित अतिरिक्त हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।
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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 01 मार्च को आधी-अधूरी रिपोर्ट दाखिल करने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा था कि सूचनाएं लीक होना अप्रत्याशित था और इससे जांच एजेंसी को भी नुकसान हुआ है। तब कोर्ट ने कहा था कि निष्पक्ष जांच के लिए मीडिया लीक पर रोक लगनी चाहिए। कोर्ट ने साफ कहा था कि इस लीक के लिए केवल दिल्ली पुलिस जिम्मेदार है।
सुनवाई के दौरान अमित महाजन ने इस बात पर चिंता जताई थी कि अधिकारी संबंधित पत्रकार पर कार्रवाई कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा था कि अगर अपराध हुआ है तो किसी पर कोई कार्रवाई करने पर रोक नहीं है। गोपनीय सूचना ऐसा दस्तावेज नहीं है जो रोड पर पड़ा मिल गया हो। इसमें लापरवाह अधिकारी जिम्मेदार हैं।
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दिल्ली पुलिस के मुताबिक तान्हा स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन का सदस्य है और शाहीन बाग के अबुल फजल एंक्लेव में रहता है। वो जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी का एक अहम सदस्य है जिसके जरिये नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन को बढ़ावा दिया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक तान्हा उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और सफूरा जरगर का निकट सहयोगी है। तान्हा फिलहाल जमानत पर है।
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