सुखबीर सिंह बादल की रैली में विरोध करने पर 17 किसान नेताओ और 200 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज
पंजाब के मोगा में अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल की रैली में किसान हिंसक हो उठे विरोध करने लगे।

मोगा। पंजाब के मोगा जिले में 17 किसान नेताओं के खिलाफ उनके नाम पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई, जबकि 200 और अज्ञात लोगों पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता सुखबीर सिंह बादल के विरोध में मामला दर्ज किया गया है।
पंजाब के मोगा में अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल की रैली में किसान हिंसक हो उठे विरोध करने लगे।इस दौरान पत्थरबाजी की खबर भी सामने आई।ऐसे में अब किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में मोगा के एसएसपी का बयान सामने आया है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मोगा में किसानों ने सुरक्षा का उल्लंघन किया, पुलिस पर पथराव किया।आईपीसी की धाराओं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत एफआईआऱ दर्ज की गई है।17 किसान नेताओं और 200 से अधिक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक गुरुवार को सुखबीर सिंह बादल की रैली का विरोध करने पहुंचे किसानों और पुलिस में झड़प हो गई थी।इस दौरान भीड़ को तीतर बीतर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया और लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इस दौरान 24 किसान और 6 पुलिस कर्मियों के घायल होने की खबर है।
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जानकारी के मुताबिक किसानों ने रैली में खड़ी गाड़ियों पर भी पत्थराव किया।घटना गुरुवार दोपहर करीब 12.30 बजे की बताई जा रही है।जानकारी के मुताबिक सुखबीर सिंह बादल मोगा में रैली को संबोधित कर रहे थे।उसी दौरान बड़ी संख्या में किसान पहुंच गए. उन्हें अनाज मंडी के गेट पर रोक दिया गया।किसानों ने अंदर जाने की काफी कोशिश की। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई। किसानों को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया। इसके बाद किसानों ने भी पुलिस पर पत्थरबाजी की और वहां खड़ी गाड़ियों को भी तोड़ा।उधर सुखबीर सिंह बादल रैली खत्म कर दूसरे गेट पर चले गए।
मोगा पुलिस के रवैये से किसान पहले से ही नाखुश थे क्योंकि पुलिस ने स्थानीय कृषि कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के लिए बुधवार रात को उनके घरों पर छापा मारा था ताकि शिअद प्रमुख के खिलाफ गुरुवार का विरोध प्रदर्शन टाला जा सके।
गुरुवार को जब किसान हाईवे पर जमा होने लगे तो पुलिस ने उन्हें जाने को कहा।किसानों ने कहा कि वे सुखबीर बादल के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया, जबकि किसानों ने पुलिस पर पथराव किया।
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किसान नेता बलदेव सिंह जीरा ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई उन्हें शिअद नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने से नहीं रोकेगी। उन्होंने आरोप लगाया, हम दृढ़ संकल्प के साथ अपना विरोध जारी रखेंगे क्योंकि अकाली नेतृत्व ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को पेश करने के लिए भाजपा का समर्थन किया था।
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