बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला: शादी न करने का कोई बहाना नहीं, राशिफल नहीं
बॉम्बे हाई कोर्ट के जज संदीप के. शिंदे ने देखा कि पति शुरू से ही शादी नहीं करना चाहता था। इसलिए उन्होंने महिला से शादी न करने का बहाना बनाया क्योंकि उन्हें कुंडली नहीं मिली।

मुंबई। समय इतना खराब हो गया है कि मनुष्य गलत काम करने से नहीं हिचकिचाता या अपने स्वार्थ के लिए झूठे बहाने बनाता है। मुंबई के एक कपल की चर्चा है। जिसमें जातक कुंडली न मिलने के बहाने शादी करने से मना कर देता है। इसके बाद लड़की ने कोर्ट में अर्जी दी।
पता चला है कि यह जोड़ा 2012 से रिलेशनशिप में था और महिला ने पति के खिलाफ शादी के बंधन में बंधने की शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने शिकायत में कहा कि आरोपी ने उसे शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। उन्होंने अक्टूबर 2016 में एक होटल में दो बार यौन संबंध बनाए थे। महिला के गर्भवती होने पर दोनों ने साथ यात्रा भी की, गर्भपात कराने की बात कही और दो साल बाद शादी करने का वादा किया।
घर में इस शख्स के बारे में बात करते हुए घरवाले ने उसे घर से निकाल दिया और उस शख्स ने शादी से भी इनकार कर दिया। दिसंबर 2012 में, महिला के भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक शोषण का आरोप लगाने वाली शिकायत दर्ज करने के बाद महिला के परिवार के सदस्य शादी के लिए सहमत हो गए। महिला ने जनवरी 2013 में शिकायत वापस ले ली।
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दो हफ्ते बाद, आदमी ने जवाब दिया कि वह 5 वें वर्ष में शादी करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके बाद महिला ने पुरुष के खिलाफ दुष्कर्म और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। सत्र न्यायालय में रिहाई के लिए माले दिंडोशी के आवेदन को खारिज कर दिया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट में एक समीक्षा याचिका दायर की गई थी।
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बॉम्बे हाई कोर्ट के जज संदीप के. शिंदे ने देखा कि पति शुरू से ही शादी नहीं करना चाहता था। इसलिए उन्होंने महिला से शादी न करने का बहाना बनाया क्योंकि उन्हें कुंडली नहीं मिली। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शादी की कसम तोड़ने वाले शख्स की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायाधीश संदीप शिंदे ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह विवाह प्रतिज्ञा का मामला था और इसलिए आवेदन को खारिज कर दिया गया था।
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