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December 22, 2024 6:46 pm

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11 महीनों में 233% का इजाफा……..’म्यूचुअल फंड एसआईपी ने बना दिया रिकॉर्ड…….

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म्यूचुअल फंड एसआईपी में आम लोगों का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसकी वजह से इसके साइज में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. साल 2023 के मुकाबले साल 2024 में म्यूचुअल फंड एसआईपी में 233 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है. जबकि ओवरऑल म्यूचुअल फंड में 135 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. इससे आप अंदाजा लगा सकता है आम निवेशकों का भरोसा एसआईपी में लगातार देखने को मिल रहा है. आइए आपको भी कौन सी रिपोर्ट में किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं.

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एसआईपी में रिकॉर्ड तेजी

आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार इस साल जनवरी से नवंबर तक एसआईपी में कुल नेट फ्लो 9.14 लाख करोड़ रुपए का रहा, जो साल 2023 में 2.74 लाख करोड़ रुपए का देखने को मिला था. इसका मतलब है कि एसआईपी में 233 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. नवंबर के अंत में रजिस्टर्ड नए एसआईपी की संख्या बढ़कर 49.47 लाख हो गई, जो नवंबर 2023 में 30.80 लाख थी. इसके अलावा, एसआईपी का एयूएम नवंबर में 13.54 लाख करोड़ रुपए पर आ गया जो 2023 में 9.31 लाख करोड़ रुपए देखने को मिला था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक साल में भारतीय म्यूचुअल फंड (एमएफ) इंडस्ट्री की ग्रोथ 135 फीसदी से ज्यादा की देखने को मिली है. जबकि नेट शुद्ध एयूएम में लगभग 39 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है. इकरा एनालिटिक्स के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की तेजी के साथ बढ़ने की कहानी बरकरार रहने और ग्लोबल इकोनॉमी में भारत के एक उज्ज्वल स्थान के साथ, घरेलू म्यूचुअल फंड उद्योग में आने वाले वर्षों में कई गुना वृद्धि देखने की उम्मीद है.

ऐसी रही म्यूचुअल फंड इंडस्ट्रीज

इस बीच, नवंबर 2024 में म्यूचुअल फंड उद्योग में कुल निवेश 135.38 प्रतिशत बढ़कर 60,295.30 करोड़ रुपए हो गया, जबकि नवंबर 2023 में यह 25,615.65 करोड़ रुपए था. दिलचस्प बात यह है कि नेट एयूएम जो पिछले साल नवंबर में 49.05 लाख करोड़ रुपए था, वह पार कर गया. इस साल नवंबर में यह आंकड़ा 68.08 लाख करोड़ रुपए के साथ ऐतिहासिक लेवल को छू गया.

जबकि भारत में सभी फंडों में मजबूत वृद्धि देखी गई, इक्विटी कैटेगिरी के तहत लार्ज कैप फंडों में फ्लो सबसे अधिक देखने को मिला, जो नवंबर 2024 में लगभग 731 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2547.92 करोड़ रुपए हो गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 306.70 करोड़ रुपए था.

कुमार ने कहा कि बढ़ते जियो पॉलिटिकल रिस्क और वैश्विक अनिश्चितता के बाद घरेलू बाजारों में बढ़ती अस्थिरता के बीच आने वाले दिनों में निवेशकों के बीच बड़े और मिड-कैप फंडों का बड़ा आकर्षण होने की संभावना है. स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंड, जिनके एयूएम में लगातार वृद्धि देखी गई है, उनमें भी मध्यम से लंबी अवधि में निवेशकों की रुचि बनी रहने की संभावना है.

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