तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को रमज़ान के पवित्र महीने के दौरान एक घंटा पहले दफ्तर से छुट्टी देने की अनुमति दी है. इस फैसले का बीजेपी ने कड़ा विरोध किया और इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है. साथ ही कहा है कि यह सिर्फ मुसलमानों के लिए ही क्यों, हिंदुओं को नवरात्रि के दौरान ऐसा क्यों नहीं किया जाता?
क्या है सरकार का आदेश?
तेलंगाना के मुख्य सचिव की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक मुस्लिम सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) कर्मचारी, आउटसोर्सिंग कर्मचारी, बोर्ड और सार्वजनिक क्षेत्र (पब्लिक सेक्टर) के कर्मचारी रमज़ान के दौरान शाम 4 बजे दफ्तर से जा सकेंगे. यह सुविधा 2 मार्च से 31 मार्च तक लागू रहेगी। हालाँकि, यदि किसी आपातकालीन सेवा की आवश्यकता हुई, तो कर्मचारियों को रुकना पड़ेगा.
बीजेपी का कांग्रेस पर हमला
बीजेपी ने इस फैसले को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए इसे मुस्लिम तुष्टीकरण का उदाहरण बताया. बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों के लिए तो काम के घंटों में छूट दी, लेकिन हिंदुओं को नवरात्रि के दौरान ऐसा कोई लाभ नहीं दिया जाता.
‘मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में देखती है कांग्रेस’
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख मालवीय ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह मुस्लिम समुदाय को सिर्फ वोट बैंक के रूप में देखती है. उन्होंने कहा,’यह फैसला किसी समुदाय की धार्मिक मान्यताओं के प्रति संवेदनशील होने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने के लिए लिया गया है. इसका विरोध किया जाना चाहिए.’
रमज़ान की तैयारियां
इस बीच तेलंगाना के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने रमज़ान के लिए ऐतिहासिक मक्का मस्जिद और शाही मस्जिद में खास तैयारियां शुरू कर दी हैं. रमज़ान इस्लाम का पवित्र महीना है, जिसमें मुसलमान पूरे महीने रोज़ा रखते हैं, इबादत करते हैं और आत्म चिंतन कर खुद को बेहतर इंसान बनाने की कोशिश करते हैं. रमज़ान के आखिर में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है.
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