शिवपुरी. कोटा में अपहृत हुई जिले के बैराड़ के स्कूल संचालक की बेटी के मामले में पुलिस ने राजफाश कर दिया है कि छात्रा के साथ कोई अपराध नहीं हुआ है। छात्रा ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर अपहरण की झूठी कहानी रची है। छात्रा और उसका एक दोस्त विदेश में पढ़ाई करना चाहते थे और उसके लिए रुपयों का इंतजाम करने यह पूरी झूठी कहानी रची थी। कोटा पुलिस ने छात्रा के एक साथी को पकड़ लिया है। हालांकि पुलिस ने अभी किसी भी गिरफ्तारी की बात स्वीकार नहीं की है। छात्रा और उसका एक साथी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
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ये है मामला
जानकारी के अनुसार बैराड़ के निजी स्कूल संचालक रघुवीर धाकड़ को 18 मार्च को वाट्सएप पर उसकी बेटी काव्या धाकड़ की रस्सी से हाथ पैर बंधी तस्वीरें भेजीं और उसे छोड़ने के एवज में 30 लाख रुपये की फिराैती मांगी। कोटा में छात्रा के साथ ऐसी घटना होने की बात सामने आने पर हड़कंप मच गया। पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया। जब जांच की तो सामने आया कि छात्रा ने कोचिंग में प्रवेश ही नहीं लिया है। इसके अलावा स्वजन जिस हास्टल में रहना बता रहे हैं वहां भी वह नहीं रह रही थी।
कोटा पुलिस अधीक्षक डा. अमृता दुहन के अनुसार छात्रा काव्या तीन अगस्त को उसकी मां के साथ कोटा आई थी। यहां उसने एक कोचिंग पंजीयन का फार्म लिया था और एक हास्टल में रहने का तय करके उसकी मां उसी दिन वापस लौट गई थी। इसके बाद छात्रा पांच अगस्त तक कोटा में रही और फिर इंदौर चली गई। पुलिस ने जब अनुसंधान किया तो यह स्पष्ट हो गया था कि छात्रा के साथ कोई अपराध नहीं हुआ है।
सूत्रों की मानें तो यह पूरी साजिश को काव्या ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर अंजाम दिया था जिसमें एक दोस्त को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उससे यह पता चला कि छात्रा इंदौर में थी। पुलिस के अनुसार अभी छात्रा काव्या धाकड़ और उसका एक दोस्त पकड़ में नहीं आया है। काव्या के दोस्त ने पुलिस को बताया है कि काव्या और उसका दूसरा दोनों विदेश में जाना चाह रहे थे। उन्हें लग रहा था कि यहां पढ़ाई नहीं कर पाएंगे। इसलिए माता-पिता से रुपये मांगे।
इंदौर के फ्लैट की किचन से भेजी तस्वीरें
पुलिस के अनुसार अपहरणकर्ता बनकर जो तस्वीरें काव्या के पिता को भेजी गई हैं वह उसकी युवक के फ्लैट की हैं जो पुलिस की मदद कर रहा है। वह तस्वीरें फ्लैट की किचन में ली गई हैं। कोटा पुलिस की एक टीम इंदौर और एक टीम अब भी जयपुर में मौजूद है। पुलिस को छात्रा के पिता ने जो घटनास्थल बताया था वहां भी पुलिस ने जांच की, लेकिन कुछ नहीं मिला। पुलिस अधीक्षक डा. दुहन ने अपील है कि काव्या और उसका दोस्त जहां भी हैं वे अपने परिवारजन से संपर्क कर लें या फिर निकटतम थाने में चले जाएं। उनकी सुरक्षा सबसे अहम है।
पिता ने जिन तीन युवकों का नाम लिखाया, उनका मामले से संबंध नहीं
घटना के बाद रघुवीर धाकड़ ने तीन युवकों पर संदेह जताया था। उन्होंने बताया कि पूर्व में जब काव्या इंदौर रहती थी तब भी उसके साथ घटना हो चुकी है। उन्होंने अनुराग सोनी, हर्षित और पोहरी के जरिया खेड़ा निवासी रिंकू धाकड़ पर संदेह जताया है। पुलिस के अनुसार इन तीनों युवकों का घटना से कोई संबंध नहीं है।