हाथरस हादसे में पीड़ित परिवारों के दर्द बांटने आज राहुल गांधी भी पहुंचे. पीड़ितों ने बताया कि आखिर कैसे उनके अपने इस हादसे का शिकार हो गए. हाथरस के एक पीड़ित परिवार की महिला ने बताया कि राहुल गांधी हमसे मिलने आए थे और हमने उन्हें बताया कि हादसा कैसे हुआ. दरअसल, चलते वक्त बाबा ने कहा कि मेरे चरणों की धूल लो… धूल के चक्कर में जनता भागी है, एक के ऊपर एक होते चलते गए. पता नहीं कौन किसके ऊपर गिरा, कैसे उनके प्राण निकले. जब खबर मिली तब मां का शव ढूंढकर लाए हैं. जब ढूंढकर गए तो देखा शव किचड़ में लिपटे पड़े थे, जब हम उन्हें ढूंढ रहे तो लग रहा कि कहां लाशों के ढेर में कूद रहे हैं हम.. मेरी मां ही घर का सहारा था. वहीं कमाकर लाती थी. भाइयों का बोरियों का काम है… वो भी सही नहीं चल रहा था. मां ही अस्पताल से कमाकर लाया करती थीं वो हम खाते थे.
हाथरस और अलीगढ़ में राहुल ने जाना पीड़ितों का हाल
बता दें कि हाथरस में भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग के दौरान भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिजनों से राहुल गांधी ने हाथरस और अलीगढ़ जाकर मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. अलीगढ़ के पिलखना गांव में राहुल गांधी ने उस पीड़ित परिवार के घर जाकर अपनी संवेदना प्रकट की, जिसके 4 सदस्य भगदड़ में जान गंवा बैठे थे. राहुल गांधी ने इसी गांव में एक और पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. इसके बाद राहुल गांधी हाथरस पहुंचे और आशा देवी, मुन्नी देवी और ओमवती नाम की महिलाओं के परिवारों से मिले. इन तीनों महिलाओं की हाथरस हादसे में मौत हो गई थी.
राहुल गांधी ने सीएम योगी से कहा- अधिक से अधिक मुआवजा दें
राहुल गांधी ने पीड़ितों से मिलने के बाद कहा कि दुख की बात है कि बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है. प्रशासन की लापरवाही रही है, इसका पता लगाना चाहिए. सीएम से अनुरोध है कि अधिक से अधिक मुआवजा दें. राहुल गांधी के अलीगढ़ और हाथरस दौरे पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों से मिले और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस दुख की घड़ी में हम सब साथ हैं. पीड़ितों से मुलाकात के बाद राहुल गांधी जी ने राज्य सरकार से अपील की कि पीड़ित परिवारों के लिए यह बहुत मुश्किल समय है. उन्हें उचित मुआवजा और हर संभव मदद दी जानी चाहिए.
80 हजार की जगह ढाई लाख लोग पहुंचे थे सत्संग में
बता दें कि हादसा भोले बाबा उर्फ नारायण हरि साकार के सत्संग में हुआ. लाखों लोग बाबा में आस्था की वजह से यहां पहुंचे थे. 80 हजार लोगों के आने की परमिशन दी गई थी लेकिन बताया जा रहा है कि ढाई लाख से ज्यादा आदमी यहां पहुंचा. भगदड़ से 121 लोगों की मौत हुई थी… सभी शवों की पहचान कर ली गई है. क़रीब 35 घायलों का इलाज अभी भी हाथरस और अलीगढ़ के अस्पताल में चल रहा है. भगदड़ मचने के बाद कुछ भक्तों ने कहा कि बाबा के जाने के बाद भगदड़ मची, वहीं ये महिला कह रही है कि चरणों की धूल खुद बाबा लेने को कहा. वहीं कुछ ने ये भी कहा कि अगर बाबा भगवान के अवतार हैं तो इन लोगों को जिंदा कर दें. कई बातें सामने आ रही हैं… पूरा खुलासा जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद होगा.