ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर तो हो गया है मगर लगता नहीं हालात इतनी जल्दी सामान्य होने वाले हैं. वो इसलिए क्योंकि ईरान के खिलाफ चलाए गए गुप्त ऑपरेशन के बाद अब इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद ने पहली बार खुलकर अपनी भूमिका को दुनिया के सामने रखा है. मोसाद प्रमुख डेविड बरनेआ ने बुधवार को अपने एजेंटों के लिए जारी एक वीडियो का अंश सार्वजनिक किया, जिसमें उन्होंने ईरान के खिलाफ मोसाद की अकल्पनीय कामयाबी की बात कही.
वीडियो में बरनेआ ने अपने एजेंटों से कहा कि हम वहां थे, जैसे पहले थे और आगे भी रहेंगे. उनके इस बयान को ईरान के लिए एक खुली चेतावनी की तरह देखा जा रहा है. बरनेआ ने कहा कि ईरान के खिलाफ जो कुछ भी किया गया, वह महीनों और सालों की तैयारी का नतीजा था, हमने समय की गंभीरता को समझा और सही वक्त का इंतज़ार किया.
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ईरान के भीतर सैकड़ों एजेंट…मोसाद का बड़ा खुलासा
इस खुलासे में सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि ऑपरेशन के दौरान ईरान के अंदर मोसाद के सैकड़ों एजेंट सक्रिय थे. यही नहीं, एजेंसी ने दावा किया कि उन्होंने ईरान के सैन्य कमांडरों और न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स की टारगेट किलिंग की, साथ ही ड्रोन और मिसाइल फैसिलिटीज को भी तबाह किया.
सीक्रेट ऑपरेशन के दुर्लभ वीडियो जारी
मोसाद ने शुक्रवार को ईरान पर हुई बमबारी की तैयारियों और उसके निष्पादन से जुड़े तीन दुर्लभ वीडियो जारी किए. इनमें बैलिस्टिक मिसाइल अड्डों और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाने वाले ऑपरेशन की झलक है. हालांकि एजेंट्स के चेहरे ढके हुए हैं, लेकिन यह मोसाद के लिए एक असामान्य कदम है, क्योंकि आमतौर पर ऐसे ऑपरेशंस पर चुप्पी साधी जाती है.
अमेरिका और इजराइली सेना का भी सहयोग
बरनेआ ने इस मिशन में आईडीएफ इंटेलिजेंस, सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल ज़मीर और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के सहयोग को भी सराहा. उन्होंने यह भी कहा कि गाजा से बचे हुए 50 बंधकों में से 20 जीवित हैं, और मोसाद उन्हें वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है.
