ईरान अमेरिका और इजराइल के दो बड़े नेताओं की हत्या की प्लानिंग कर रहा है. इसका खुलासा खुद ईरान के एक कट्टरपंथी मौलवी जिनका नाम अब्दुलमजीद खरगहानी है, ने दावा किया है. इन दो बड़े नेताओं के नाम है- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू. मौलवी ने दावा किया है कि हत्या के लिए बाकायदा चंदा इकट्ठा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस अभियान का नाम ही ट्रंप और नेतन्याहू की हत्या के लिए फंडरेजिंग है. उन्होंने सारी बातें एक इंटरव्यू के दौरान कही है जो अब जाकर वायरल हो रही है. इस वीडियों में मौलवी ने ये भी कहा है कि यूरोपीय देशों में 1 से 2 करोड़ डॉलर तक इस काम के लिए इकट्ठा किए जा रहे हैं. खरगहानी की सोशल मीडिया पर अच्छी खासी फैन फॉलोइंग भी है.
कश्मीर पर बोला- अब समय आ गया है……’UNSC की कुर्सी मिलते ही पाकिस्तान ने फिर चली चाल……
“जनता को भी उठाना चाहिए हथियार”
मौलवी ने इंटरव्यू में अपनी बात यहीं खत्म नहीं की. उन्होंने ये भी कहा कि सिर्फ फौज या सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है कि वे दुश्मनों को निशाना बनाएं. आम जनता को भी इस काम में हिस्सा लेना चाहिए ताकि ट्रंप और नेतन्याहू जैसै लोग बोलने से पहले दस बार सोचें. हालांकि खरगहानी का कोई आधिकारिक ओहदा नहीं है और न ही वो ईरानी धर्मगुरुओं की मुख्यधारा में गिने जाते हैं मगर उनकी सोच ईरान के कई कट्टरपंथी तबकों के विचारों को जरूर उजागर करती है.
ट्रंप की धमकी के बाद आया मौत का फतवा
17 जून को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था उन्हें ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की लोकेशन का पता है मगर वो उन्हें अभी नहीं मारेंगे. ट्रंप के इसी बयान के बाद ईरान में माहौल इतना गरमा गया कि एक फतवा भी जारी हुआ. ईरान के शीर्ष धर्मगुरु आयतुल्ला नासिर मकरम शिराजी ने ये फतवा जारी किया जिसमें कहा गया कि जो भी खामेनेई या ईरान की धार्मिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा, वह मोहारेब यानी ईश्वर का दुश्मन है और उसे मौत की सजा दी जानी चाहिए.
IAEA चीफ को भी दी जान से मारने की धमकी
ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु निगरानी को लेकर भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ईरान ने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग को औपचारिक रूप से निलंबित कर दिया है. इस बीच ईरानी राज्य मीडिया ने IAEA चीफ राफाएल ग्रॉसी को “मोसाद का जासूस” बताते हुए कहा कि अगर वह ईरान आए तो उन्हें गिरफ्तार कर फांसी दे दी जानी चाहिए.
