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December 26, 2025 6:16 am

मंगलुरु साइबर फ्रॉड: ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर 79 वर्षीय महिला से ठगे 17 लाख रुपये 4 दिनों में वापस, पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने रचा इतिहास

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Cyber Fraud News: देश या फिर दुनिया में लूट का माल वापस मिलना किसी करिश्मे से कम नहीं है. लूट जब आपके बैंक खाते से हुई हो तो यह मामला और भी रोचक बन जाता है. ऐसा ही एक मसला अपने देश में देखने को मिला है, जहां एक बुजुर्ग महिला को ठगी की रकम वापस मिल गई है. यह रकम भी एक दो हजार या लाख नहीं बल्कि पूरे 17 लाख रुपये की है. दरअसल, मंगलुरु में एक 79 वर्षीय महिला को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी का शिकार बनाया गया, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई के कारण उन्हें कुछ ही दिनों में पूरी राशि वापस मिल गई. मंगलुरु के डीसीपी (कानून और व्यवस्था) मिथुन एचएन ने बताया कि पीड़ित महिला ने गोल्डन आवर के दौरान पुलिस को सूचित किया, जिसके कारण पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और ठग के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया. चार दिनों के भीतर पीड़िता के खाते में पूरी 17 लाख रुपये की राशि वापस जमा कर दी गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक घटना 23 अक्टूबर को हुई जब बेजाई निवासी बुजुर्ग महिला को एक फोन कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए दावा किया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है. उसने धमकी दी कि यदि महिला ने वेरिफिकेशन के लिए 17 लाख रुपये दिए गए बैंक खाते में जमा नहीं किए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. ठग ने यह भी हिदायत दी कि इस मामले को किसी से साझा न करें. ठग पुलिस की वर्दी में था. उसने व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए पीड़िता को पांच घंटे तक उलझाए रखा. चूंकि पीड़िता कोई यूपीआई ऐप इस्तेमाल नहीं करती थीं, इसलिए ठग ने उन्हें बैंक जाकर अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने और राशि ट्रांसफर करने का निर्देश दिया.

ऐसे वापस मिले पैसे

महिला ने निर्देशों का पालन करते हुए 17 लाख रुपये ठग के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए. उसी दिन बाद में उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज की. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की. ठग के बैंक खाते को फ्रीज कर दिया गया और कोर्ट के आदेश के बाद 27 अक्टूबर को पीड़िता के खाते में पूरी राशि वापस कर दी गई. डीसीपी मिथुन ने बताया कि पीड़िता की त्वरित शिकायत और पुलिस की तेज कार्रवाई के कारण यह संभव हो सका. यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच एक सकारात्मक उदाहरण है जो दर्शाता है कि समय पर सूचना और पुलिस की सक्रियता से नुकसान को रोका जा सकता है. नागरिकों से अपील की गई है कि वे ऐसे फर्जी कॉलों से सावधान रहें और तुरंत पुलिस से संपर्क करें.
DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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