संसद का मानसूत्र सत्र शुरू हो गया है. कई मुद्दों को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच हंगामा होने के आसार है. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने कहा, मैंने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद की स्थिति पर नियमों के मुताबिक सदन में नोटिस दिया है. पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था और उसे अंजाम देने वाले आतंकी आज तक न पकड़े गए और न मारे गए. पहलगाम में चूक हुई है, इस बात को खुद जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा ने स्वीकार किया है.
उन्होंने कहा कि हमने देश में एकता रखने के लिए और सेना को मजबूती देने के लिए सरकार को बिना किसी शर्त के समर्थन दिया था. ऐसे में हम सरकार से जानना चाहते हैं कि पूरी स्थिति क्या है? ऑपरेशन सिंदूर को लेकर Chief of Defence Staff (CDS), उप सेना प्रमुख और हमारे एक वरिष्ठ Defence Attache ने कुछ खुलासे किए हैं.
प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इसके अलावा, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर भी सरकार अपना रुख स्पष्ट करें, क्योंकि उन्होंने एक बार नहीं बल्कि 24 बार दावा किया है कि मैंने सीजफायर करवाया. ये देश के लिए अपमानजनक बात है. दो महीने पहले भी हमने विशेष सत्र की मांग की थी. अब जब हम मिल रहे हैं तो हम चाहते हैं कि पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, हमारी सुरक्षा चूकों और विदेश नीति पर दो दिन की बहस होनी चाहिए. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.
इसके अवाला कांग्रेस ने कई मुद्दों पर पीएम मोदी से सदन में जवाब देने के लिए कहा है. एक पोस्ट में कांग्रेस ने कहा,नरेंद्र मोदी सदन में आएं और इन मुद्दों पर जवाब दें-
- पहलगाम हमला
- ऑपरेशन सिंदूर
- सीजफायर पर ट्रंप के बयान
- बिहार में SIR के बहाने वोट चोरी
- विदेश नीति का विषय
- डिलिमिटेशन का मुद्दा
- अहमदाबाद प्लेन हादसा
- मणिपुर में हो रही हिंसा
- देश में दलित, पिछड़े, आदिवासी, महिला और अल्पसंख्यक वर्गों पर अत्याचार का मुद्दा
यहां हमारे नेताओं को बोलने नहीं दिया जाता
इससे पहले कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने कहा, नेता विपक्ष राहुल गांधी को बोलने देना चाहिए. उनकी बात को सदन की कार्यवाही में शामिल किया जाना चाहिए. हमेशा से परंपरा रही है कि विपक्ष के नेता को बोलने दिया जाता है. मगर, यहां हमारे नेताओं को बोलने नहीं दिया जाता. देश में बहुत से मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन मोदी सरकार किसी विषय पर चर्चा नहीं करना चाहती. यह सरकार हमेशा से मुद्दों पर चर्चा से भागती रही है.
