Explore

Search

November 16, 2025 3:38 am

Krishna Janmashtami 2024: दूर कर लें तिथि का कंफ्यूजन………..’26 या 27 अगस्त, कब है कृष्ण जन्माष्टमी?

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि में हुआ था. इस बार जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लोगों के मन में कंफ्यूजन हैं कि आखिर जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी.

ज्योतिषियों के मुताबिक, कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी. वहीं, वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा. इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा, जो कि बहुत ही खास माना जा रहा है

Mpox outbreak: एमपॉक्स वायरस का वैश्विक खतरा: WHO ने घोषित की पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी, पाकिस्तान में पहला मामला सामने आया

जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 

इस दिन अष्टमी तिथि का प्रारंभ 26 अगस्त को सुबह 3 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगा और अष्टमी तिथि का समापन 27 अगस्त की रात 2 बजकर 19 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को ही मनाई जाएगी.

जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र 

भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और इसलिए, कृष्ण जन्माष्टमी हमेशा रोहिणी नक्षत्र में ही मनाई जाती है. रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर होगा और समापन 17 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर होगा.

जन्माष्टमी शुभ योग 

इस बार जन्माष्टमी पर कई शुभ योग बनने जा रहे हैं. दरअसल, इस बार जन्माष्टमी पर चंद्रमा वृषभ राशि में ही विराजमान रहेंगे, माना जाता है कि जब कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था तब भी ऐसा ही योग बना था. इसके साथ ही इस बार कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार को पड़ रही है, ऐसा भी माना जाता है कि सोमवार के दिन भगवान कृष्ण का नामकरण हुआ था. साथ ही, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बनने जा रहा है.

कृष्ण जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त 

कृष्ण जन्माष्टमी का पूजन मुहूर्त 26 अगस्त को रात 12 बजे से देर रात 12:44 मिनट बजे तक होगा.

कैसे करें श्रीकृष्ण की मूर्ति का चुनाव

जन्माष्टमी पर बाल कृष्ण की स्थापना की जाती है. अपनी मनोकामना के आधार पर जो स्वरूप चाहें स्थापित कर सकते हैं. प्रेम और दांपत्य जीवन के लिए राधा कृष्ण की स्थापना करें, संतान के लिए बाल कृष्ण की स्थापना करें. साथ ही सभी मनोकामनाओं के लिए बंशी वाले कृष्ण की स्थापना करें, शंख और शालिग्राम की स्थापना भी कर सकते हैं.

कैसे करें श्रीकृष्ण का श्रृंगार

श्रीकृष्ण के श्रृंगार में फूलों का प्रयोग करें. पीले रंग के वस्त्र, गोपी चंदन और चंदन की सुगंध से इनका श्रृंगार करें, काले रंग का प्रयोग न करें. वैजयंती के फूल अगर कृष्ण जी को अर्पित किए जाएं तो सर्वोत्तम होगा.

क्या होगा इनका प्रसाद?

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को पंचामृत जरूर करें, उसमें तुलसीदल जरूर डालें, मेवा, माखन और मिश्री का भोग भी लगाएं. कहीं कहीं पर धनिए की पंजीरी भी अर्पित की जाती है. इस दिन पूर्ण सात्विक भोजन, जिसमें तमाम तरह के व्यंजन हों.

जन्माष्टमी पूजन विधि 

जन्माष्टमी के दिन स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहन लें और व्रत रखें. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण को दूध और गंगाजल से स्नान कराएं और साफ रेशमी कपड़े पहनाएं. इस दौरान बाल गोपाल को झूला झुलाया जाएगा और उनकी आरती करें. श्रीकृष्ण जी को माखन और मिश्री का भोग लगाएं. आप चाहें तो खीर और पंजीरी का भी भोग लगा सकते हैं. इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा और आरती करें.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर