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November 13, 2025 1:01 am

जानें क्यों लिया यह फैसला: CJI संजीव खन्ना सहित सुप्रीम कोर्ट के 30 जज घोषित करेंगे अपनी संपत्ति……

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देश के सर्वोच्च न्यायिक निकाय, Supreme Court of India के सभी 30 जजों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने का फैसला लिया है. Chief Justice of India संजीव खन्ना सहित सभी जज स्वैच्छिक रूप से अपनी संपत्ति का ब्योरा सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जजों ने यह फैसला देश के सर्वोच्च न्यायालय की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए किया है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि 3 अप्रैल को CJI संजीव खन्ना के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के सभी 30 जजों ने तय किया है कि वे अपनी संपत्तियों का सार्वजनिक ब्योरा देंगे. इसके साथ ही तय किया है कि जब भी वे कोई नया पद ग्रहण करेंगे, तो अपनी संपत्ति का फिर से ब्योरा सार्वजनिक करेंगे.

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स्वैच्छिक होगी घोषणा

CJI संजीव खन्ना की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक जजों की तरफ से संपत्ति की यह घोषणा पूरी तरह स्वैच्छिक होगी. यानी अगर कोई जज ऐसा नहीं करना चाहे, तो संपत्ति का ब्योरा देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही तय किया गया है कि घोषित संत्तियों के ब्योरे को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, जहां कोई भी इसे देख पाएगा.

वेबसाइट बना टैब

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर इस फैसले के तुरंत बाद ‘Judges’ टैब पर अंडर ‘Assets of Judges’ टैब बनाया गया है. यहां फिलहाल किसी जज की संपत्ति का ब्योरा नहीं है. हालांकि, यहां कहा गया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों न्यायालय ने यह संकल्प लिया है न्यायाधीशों को पदभार ग्रहण करने पर और जब भी कोई नई बड़ी संपत्ति खरीदें या बेचें, तो इसकी जानारी मुख्य न्यायाधीश को देनी चाहिए. हालांकि, यह घोषणाएं स्वैच्छिक आधार पर की जाएंगी.

क्यों उठाया यह कदम?

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक जबकि सभी जजों ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी संपत्ति का खुलासा पहले ही सौंप दिया है. हालांकि, यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है. 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के लुटियंस आवास में आग लगने के बाद कथित तौर पर नकदी मिलने के बाद संपत्ति का सार्वजनिक रूप से खुलासा करने का फैसला लिया गया. विवाद के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को उनके पैतृक इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस भेजने की सिफारिश की, जिनसे सीजेआई के निर्देश के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने काम वापस ले लिया था.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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