नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नेशनल लर्निंग वीक यानी कर्मयोगी सप्ताह का उद्घाटन करेंगे। देश की राजधानी दिल्ली स्थित डॉक्टर अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में नेशनल लर्निंग वीक की शुरुआत होगी और यह कार्यक्रम एक सप्ताह (25 अक्टूबर तक) चलेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी है। कार्यक्रम में 30 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारी भाग लेंगे। हर प्रतिभागी के लिए 4 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य होगी।
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जानें क्या है कार्यक्रम का मकसद
पीएमओ के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का मकसद सभी लोकसेवकों यानी कर्मचारियों के साथ ही अधिकारियों के बीच भी पेशेवर एप्रोच को बढ़ाना है। उन्हें ऐसी चीजें सिखाना है इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिससे वे पूरे जीवन में शिक्षा को बढ़ावा दें। साथ ही उन्हें खुद को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जुड़ना सिखाना भी इसका मकसद है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह भी बताया है कि कर्मयोगी सप्ताह कर्मचारियों व अफसरों के लिए निजी व संगठनात्मक क्षमता विकास में नई गति प्रदान करने वाला होगा। यह ऐसा सबसे बड़ा आयोजन होगा। इस पहल से विकास व सीखने को प्रोत्साहन मिलेगा। कर्मयागी सप्ताह की शुरुआत 2 सितंबर 2020 को हुई थी। इसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ-साथ देश के लोकाचार में निहित भविष्य के हिसाब से नागरिक सेवा की कल्पना की गई है। कर्मयागी सप्ताह के दौरान मंत्रालय, संगठन, विभाग दक्षताओं को बढ़ाने के मकसद से कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करते हैं।
पीएमओ ने कहा है कि प्रत्येक कर्मयोगी इस दौरान कम से कम चार घंटे योग्यता-आधारित शिक्षा का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बचनबद्ध होगा। कार्यक्रम में भाग लेने वाले कर्मचारी व अधिकारी आईजीओटी मॉड्यूल व प्रख्यात लोगों की ओर से आयोजित वेबिनार वगैरह के जरिये लक्षित घंटे पूरे कर सकते हैं।