झुंझुनूं: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक फौजी का रोंगटे खड़े करने वाला कारनामा सामने आया है। जम्मू कश्मीर में तैनात फौजी एक महीने की छुट्टी पर आया हुआ था। इस दौरान उसने खुद का डेढ़ करोड़ रुपए का एक्सीडेंटल बीमा करवाया। बीमा की राशि पाने ने लिए फौजी ने खुद की मौत का खेल रचा। फौजी ने अपने खेत पर काम करने वाले मजदूर की हत्या करके लाश को कार में जिंदा जला दिया। साजिश ऐसी रची, जिससे यह लगे कि कार में जिंदा जलने से फौजी की मौत हो गई। फौजी ने अपनी कार में मजदूर की लाश जलाकर यह साबित करने की कोशिश की कि फौजी जिंदा जल गया। बाद में परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। हालांकि अब एक सप्ताह बाद फौजी के इस खौफनाक मौत के ड्रामे का पुलिस ने खुलासा कर दिया है।
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कार में जलने वाला फौजी नहीं, खेत में काम करने वाला मजदूर था
झुंझुनूं जिले के मुकुंदगढ़ थाना क्षेत्र में कार में एक व्यक्ति के जिंदा जलने से मौत का मामला 24 मार्च को सामने आया था। कार फौजी विकास भास्कर की थी। 24 मार्च की रात को यह खबर आई थी कि छुट्टियां पूरी करके फौजी वापस ड्यूटी के लिए जा रहा था। तभी डूंडलोद-बलरिया अंडरपास में कार का एक्सीडेंट हो गया। हादसे में कार में आग लग गई और फौजी जिंदा जल गया। पुलिस ने मृतक व्यक्ति को फौजी विकास भास्कर मानकर परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया था। परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया था।
पुलिस के डर से फौजी ने खाया जहर, अस्पताल में हुई मौत
फौजी विकास भास्कर ने खुद की मौत का ड्रामा करके डेढ़ करोड़ रुपए का बीमा क्लेम करने की कोशिश की थी। हालांकि उसकी सारी प्लानिंग फेल हो गई। अपने खेत पर मजदूरी करने वाले महेश मेघवाल की हत्या करके उसने अपनी कार की ड्राइविंग सीट पर बैठाकर कार में आग लगा दी थी। आग में जलने से महेश मेघवाल की मौत हो गई। जब फौजी की करतूत सबके सामने आई तो उसे पता चला कि अब वह पुलिस ने बच नहीं पाएगा। घर पहुंचकर पुलिस के डर से फौजी ने जहर खा लिया। बाद में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
चचेरे भाई सोनू ने फैलाई थी फौजी के मौत की खबर
24 मार्च की रात 10.30 बजे जब डूंडलोद-बलरिया अंडरपास के पास विकास फौजी की कार जलती हुई मिली थी। तब कार की ड्राइविंग सीट पर शव भी था। घटना के 10 मिनट बाद ही फौजी विकास भास्कर का चचेरा भाई सोनू मौके पर पहुंचा। बताया जा रहा था कि सोनू और विकास दोनों साथ ही घर से निकले थे। रास्ते में सोनू एक दुकान पर कुछ देर के लिए रुका और विकास किसी काम से आगे गया था। इसी दौरान यह हादसा हो गया। बाद में सोनू ने ही यह खबर फैलाई थी कि विकास भास्कर की जिंदा जलने से मौत हो गई। पुलिस मौके पर आई और देखा तो शव पूरी तरह जला हुआ था। देखने से उसकी पहचान करना मुश्किल था। सोनू के बताए अनुसार मृतक की पहचान विकास भास्कर के रूप में करके शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। 25 मार्च को अंतिम संस्कार भी हो गया था।
ममेरे भाई से कॉल करके रुपए मांगे तो खुली पोल
महेश की हत्या करके शव जलाने के बाद फौजी विकास भास्कर दिल्ली भाग गया था। 28 मार्च को वह ट्रेन से वापस झुंझुनूं लौट रहा था। रास्ते में उसने ट्रेन में सवार एक यात्री से मोबाइल फोन मांग कर अपने मामेरे भाई को कॉल किया। उसने कहा कि उसके पास रुपए खत्म हो गए हैं। ऐसे में वह कुछ रुपए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दे। चूंकि विकास की मौत की खबर फैल चुकी थी। ऐसे में मामेरे भाई ने विकास के परिजनों को कॉल करके विकास के रुपए मांगे जाने की बात बताई। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंच गया। जांच के दौरान विकास भास्कर की सारी करतूत सामने आ गई। पुलिस के डर से विकास ने भी घर आकर जहर खा लिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
महेश की भतीजी ने दर्ज कराई रिपोर्ट
जिस फौजी ने खुद की मौत का ड्रामा रचा। उसके खेत पर महेश मेघवाल पिछले कई साल से मजदूरी करता था। शराब पीने का आदी था। संभवतया उसे शराब पिलाकर नशे की हालत में ही उसकी हत्या कर दी गई और फिर उसे कार में जला दिया गया। मृतक की भतीजी ने विकास भास्कर, उसकी पत्नी और चचेरे भाई सोनू के खिलाफ अपहरण और हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। अब राजस्थान पुलिस मामले की गहन जांच में जुटी हुई है।