इंदौर, 18 अप्रैल। जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा लाइफ केयर हॉस्पिटल में “स्वस्थ प्राणियों और प्रकृति के लिए सस्टेनेबल फूड” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और पद्मश्री सम्मानित डॉ. जनक पलटा मगिलिगन थीं। उनके साथ मंच पर “जैविक सेतु” के संस्थापक उदय भोले भी मौजूद रहे।
डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने अपने 40 वर्षों के अनुभवों को साझा करते हुए सस्टेनेबल जीवनशैली, जैविक खाद्य उत्पादन और सौर ऊर्जा से खाना पकाने की विधियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि “अगर वैज्ञानिक आध्यात्मिक नहीं होगा तो विनाश के साधन बनाएगा और अगर आध्यात्मिक होगा तो विकास के साधन।”
उन्होंने बताया कि किस तरह उन्होंने अपने पति जिम्मी मगिलिगन के साथ इंदौर में बंजर ज़मीन पर हरियाली, सोलर किचन, जल संरक्षण और सस्टेनेबल संस्थान की नींव रखी। उन्होंने अपने जीवन के कई प्रेरणादायक प्रसंग साझा किए—कैसे उन्होंने आदिवासी महिलाओं के लिए जीवन समर्पित किया और उन्हें स्वावलंबी बनाया।
कार्यक्रम में डॉ. पलटा ने सोलर थर्मल कुकर का लाइव डेमो भी दिया और बताया कि यह तकनीक किस प्रकार ईंधन बचाने, कार्बन उत्सर्जन घटाने और स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने में सहायक है। उन्होंने माइक्रोप्लास्टिक्स के खतरे पर भी प्रकाश डाला और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की अपील की।
जैविक सेतु के उदय भोले ने जैविक खेती की आवश्यकता और भारत में जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग पर बात की। उन्होंने बताया कि जैविक सेतु एकमात्र ऐसा नेटवर्क है जहाँ प्रमाणित और भरोसेमंद जैविक उत्पादों की सुविधा उपलब्ध है। यह संस्थान सुमित्रा महाजन द्वारा उद्घाटित किया गया था और इसमें कई कृषि वैज्ञानिक व समाजसेवियों का सहयोग है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. ब्रजबाला तिवारी द्वारा लाइफ केयर हॉस्पिटल में उगाई जा रही जैविक सब्ज़ियों, फलों और औषधीय पौधों की सराहना की गई, जो मरीजों के स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी हैं।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। डॉ. सम्वेदना ने डॉ. जनक पलटा और उदय भोले का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यशाला सभी के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रही।
