पंजाब सरकार की दिवाली बंपर लॉटरी 2025 ने राजस्थान के एक साधारण सब्जी विक्रेता, अमित सेहरा, की किस्मत पूरी तरह से बदल दी है। जयपुर की गलियों में आलू.टमाटर का ठेला लगाकर अपने परिवार का पेट पालने वाले अमित को जब पता चला कि उन्होंने ₹11 करोड़ का पहला पुरस्कार जीता है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गरीबी में जी रहे इस शख्स के लिए यह खबर किसी चमत्कार से कम नहीं थी।
मंगलवार को अमित अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ चंडीगढ़ स्थित पंजाब स्टेट लॉटरीज कार्यालय पहुँचे, जहाँ उन्हें विजेता राशि के 11 चेक सौंपे गए। इस अवसर पर अमित भावुक हो गए और उन्होंने बताया कि उनके पास यहाँ तक आने के लिए किराए के पैसे भी नहीं थे, इसलिए वह किसी दोस्त से उधार लेकर आए।
अमित सेहरा पिछले 20 सालों से लगातार लॉटरी टिकट खरीद रहे थे, लेकिन कभी सोचा नहीं था कि उन्हें इतना बड़ा जैकपॉट लगेगा। उन्होंने यह टिकट पंजाब के बठिंडा शहर में खरीदा था।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि इनाम की घोषणा के बाद अमित से संपर्क करना मुश्किल हो गया था। दरअसल लॉटरी का टिकट खरीदते समय उन्होंने अपना मोबाइल नंबर दिया था, लेकिन बाद में उनका मोबाइल खराब हो गया, जिससे उनका नंबर लगातार बंद आ रहा था। लॉटरी विभाग और टिकट विक्रेता उन्हें ढूँढने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आखिरकार अमित खुद सामने आए और अपना दावा पेश किया।
₹11 करोड़ की यह जीत अमित के लिए सिर्फ पैसा नहीं, बल्कि अपने और अपने परिवार के लिए एक नया जीवन है। आँखों में आँसू लिए अमित ने बताया कि ठेला लगाते वक्त कई बार उन्हें पुलिसवालों की गालियाँ सुननी पड़ती थीं, पर अब सब दुख खत्म हो गए हैं।
उन्होंने कहा के अब मैं अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दूँगा। मेरा बेटा कहता था कि वह आईएएस अधिकारी बनेगा। अब मैं उसका सपना पूरा करूँगा। इस पैसे से सबसे पहले एक घर बनवाऊँगा।
अमित ने हनुमान जी को धन्यवाद दिया और पंजाब सरकार व लॉटरी एजेंसी का आभार व्यक्त किया। अमित सेहरा की यह कहानी दर्शाती है कि किस्मत कब और कैसे करवट लेती है, यह कोई नहीं जानता। टैक्स जानकारों के अनुसार अमित को इस लॉटरी प्राईज पर करीब तीस से 33 प्रतिशत तक टैक्स देना होता है। अमित को भी करीब तीन से साढ़े तीन करोड़ का टैक्स भुगतान करना पड़ सकता है।






