यपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में प्रोस्टेट के इलाज अब बिना दर्द के हो सकेगा। यूरोलॉजी विभाग ने पहली बार रेज़्युम वाटर वेपर थैरेपी के जरिए प्रोस्टेट का सफल इलाज किया। यह प्रक्रिया बिना एनेस्थीसिया, बिना सर्जरी और बेहद कम समय में की जाती है। रेज़्युम वाटर वेपर थैरेपी आमतौर पर महंगे कॉर्पोरेट अस्पतालों में ही उपलब्ध होती है, लेकिन एसएमएस अस्पताल उत्तर भारत का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां इस आधुनिक तकनीक से प्रोस्टेट का इलाज किया गया है।
क्या है रेज़्युम वाटर वेपर थैरेपी?
यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. शिवम प्रियदर्शी के अनुसार, यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें पेशाब की नली के जरिए एक छोटा उपकरण प्रोस्टेट तक पहुंचाया जाता है। इसके माध्यम से नियंत्रित मात्रा में भाप (वाटर वेपर) इंजेक्ट की जाती है, जो प्रोस्टेट के अतिरिक्त ऊतकों को नष्ट कर देती है। बाद में शरीर स्वयं इन ऊतकों को अवशोषित कर लेता है, जिससे पेशाब से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
प्रमुख लाभ:
- बिना सर्जरी और बिना भर्ती के प्रक्रिया संभव
- लगभग 30 मिनट में इलाज पूरा
- ब्लीडिंग ना के बराबर
- यौन क्षमता पर कोई असर नहीं
- जल्दी रिकवरी, मरीज़ जल्द सामान्य दिनचर्या में लौट सकता है
बिना एनेस्थीसिया, कम समय में इलाज
एसएमएस अस्पताल में यह पहला ऑपरेशन मोहाली फोर्टिस अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित की निगरानी में किया गया, जिन्होंने अब तक इस तकनीक से 150 से अधिक सफल ऑपरेशन किए हैं। उनका कहना है कि यह तकनीक खासतौर पर उन मरीज़ों के लिए बेहद फायदेमंद है जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं।
मशीन की खरीद का प्रस्ताव भेजेगा अस्पताल
फिलहाल इस तकनीक के लिए मशीन को डेमो के तौर पर लाया गया था। डॉ. शिवम प्रियदर्शी ने बताया कि अब सरकार को लगभग 90 लाख रुपये की इस मशीन की खरीद के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इसका लाभ मिल सके।