Jaipur News: जल जीवन मिशन के 2300 करोड़ के मेजर प्रोजेक्ट्स में राजस्थान बुरी तरह से पिछड़ा हुआ है. 25 बडे प्रोजेक्ट्स में 21 महीने तक देरी हुई.जिस कारण लाखों पेयजल उपभोक्ताओं को हर घर नल योजना से पानी नहीं मिल पा रहा है.
राजस्थान के जल जीवन मिशन में पिछड़ने का सबसे बडा कारण है 2375 करोड़ के मेजर प्रोजेक्ट्स में मेजर देरी. राज्य के 25 मेजर प्रोजेक्ट्स 21 महीने तक पिछडे हुए है. कम से कम सभी प्रोजेक्ट्स में 15 महीने तक देरी हुई, जिस कारण राज्य के लाखों उपभोक्ताओं को समय पर पीने का पानी घरों तक पहुंच नहीं पाया.
सबसे ज्यादा अजमेर रीजन में 9,जोधपुर में 5,कोटा और जयपुर में 3-3 परियोजनाओं में देरी हुई. जलदाय विभाग में स्पेशल प्रोजेक्ट्स चीफ इंजीनियर का चार्ज संभाल रहे राजसिंह चौधरी का कहना है कि लापरवाही के कारण कुछ फर्मों का टैंडर भी रद्द किया गया है,जोधपुर में दो फर्मों का टैंडर कार्य के बीच में रद्द किया गया. अधिकतर कार्यों में देरी पर नियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है.
रीजन……कितने प्रोजेक्ट्स….कितनी राशि….डेडलाइन…….देरी
अजमेर….. 9 प्रोजेक्ट…….995.43 CR…. मार्च-23….18 माह तक
जोधपुर…… 6 प्रोजेक्ट……531.90 CR…. मई-23…21 माह तक
जयपुर…… 3 प्रोजेक्ट……210.19 CR…..अप्रैल-23…18 माह तक
कोटा…… 3 प्रोजेक्ट…… 193.46 CR….. मई-23…. 21 माह तक
उदयपुर….. 2 प्रोजेक्ट……223.20 CR…..जून-23….16 माह तक
भरतपुर…. 1 प्रोजेक्ट…… 78.79 CR….. मई-23…. 16 माह तक
चुरू…… 1 प्रोजेक्ट….. 142.90 CR….. अप्रैल 23….18 माह तक
प्रोजेक्ट्स में पिछडने के कारण अधिकतर जिम्मेदार फर्मों पर जुर्माना लगाया गया है. चीफ इंजीनियर राजसिंह का कहना है कि अधिकतम फर्मों पर 10 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया गया है. प्रोजेक्ट्स के कार्यों को 4 भागों में डिवाइज किया जाता है. यदि उसकी भरपाई आगे वाले भाग में की जाती है तो जुर्माना माफ भी किया जाता है.
लेकिन इन प्रोजेक्ट्स में अधिकतर में जुर्माना लगाया गया है.हालांकि जुर्माने के पूरे आकंडे अभी मौजूद नहीं है.आने वाले दिनों में जलदाय विभाग और कार्रवाई कर सकता है.हर सप्ताह जल जीवन मिशन एमडी मीटिंग लेकर मॉनिटरिंग की जा रही है.दूसरे विभाग से परमिशन के कारण भी देरी हुई,जिसमें फर्मों पर जुर्माना नहीं लगाया गया.लेकिन लापरवाही पर जरूर जुर्माना लगाया गया.
इन प्रोजेक्ट्स में देरी के कारण पेयजल उपभोक्ता लगातार पानी का इतंजार कर रहे है. हालांकि विभाग ने फर्मों का भुगतान भी समय पर नहीं किया, जिस कारण काम कई बार प्रभावित हुआ. ऐसे में अब सवाल ये है कि इन सबका का हर्जाना पेयजल उपभोक्ताओं को भुगतान पड रहा है. तय पर समय हर घर नल योजना घर घर तक नहीं पहुंच पाई.