राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में फर्जी सब इंस्पेक्टर (SI) बनकर ट्रेनिंग करने वाली मोना के घर पर गुरुवार देर रात शास्त्री नगर थाना पुलिस ने सर्च किया। इस दौरान मोना के घर से पुलिस की कई वर्दियां, इंटरनल एग्जाम के पेपर और 7 लाख रुपए समेत अन्य सामान मिला
DCP (नॉर्थ) राशि डूडी डोगरा ने बताया- नागौर जिले के निम्बा के बास की रहने वाली मोना बुगालिया उर्फ मूली के खिलाफ कार्रवाई की गई है। युवती ने फर्जी सब इंस्पेक्टर बनकर RPA में ट्रेनिंग करने वाले रही थी। इसका खुलासा होने के बाद से वह फरार चल रही है।
डोगरा ने बताया कोर्ट की ओर से गुरुवार देर शाम सर्च वारंट मिला। इसके बाद रात 9 बजे शास्त्री नगर के मेजर शौतान सिंह कॉलोनी स्थित मोना के किराए के कमरे पर सर्च किया गया। तलाशी में कमरे में 7 लाख रुपए, तीन वर्दी, आरपीए के इंटरनल एग्जाम के पेपर और अन्य डॉक्युमेंट मिले। पुलिस टीम ने सर्च में मिली सभी चीजों को जब्त कर किया है।
मोना बुगालिया के कमरे से मिले रुपए और ज्वेलरी।
आरपीए में ट्रेनिंग ले चुकी थी मोना
29 सितंबर 2023 को आरपीए के आरआई रमेश चंद ने मूली उर्फ मोना के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। मोना फर्जीवाड़े में आरपीए में ट्रेनिंग ले चुकी थी। जो वर्दी में ज्यादातर समय आरपीए कैंपस में रहती थी। ट्रेनिंग करने वाले थानेदारों को वो पिछले बैच की अभ्यर्थी बताकर ट्रेनिंग कर रही थी।
मोना बुगालिया सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही थी, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ था।
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पढ़िए कैसे बिना भर्ती परीक्षा पास किए मोना RPA में दाखिल हो गई थी…
मोना बुगालिया सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही थी। मोना के पिता खेती करते थे और बाद में ट्रक ड्राइवर बन गए थे। सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में मोना का चयन नहीं हो पाया था। तीन साल पहले जब अंतिम रिजल्ट आया तो मोना ने सोशल मीडिया पर खुद के सब-इंस्पेक्टर में चयनित होने की खबर फैलाई थी। रिश्तेदारों और गांव के लोगों ने सिलेक्शन पर बधाई दी थी। मोना हर किसी को अपने संघर्ष की कहानी बताने लगी कि कैसे परिवार की आर्थिक हालात कमजोर होने के बावजूद उसने संघर्ष से मुकाम हासिल किया था।
खुद को आईबी की सब-इंस्पेक्टर भी बताती थी
मोना बुगालिया को पता लग गया था कि आरपीए में कई बैच के सब-इंस्पेक्टर ट्रेनिंग कर रहे थे। वो इस कंन्फयूजन का फायदा उठाने लग गई। आरपीए में आईबी के कैंडिडेट्स भी ट्रेनिंग करने आते थे। एक बार ट्रेनिंग कर रहे SI ने मोना से पूछा कि तुम कौनसे बैच से हो? मोना को पता था कि उस कैंडिडेट की बैच 48 में भी जान पहचान है। ऐसे में उसने खुद को आईबी की कैंडिडेट बताया था। मोना आरपीए ट्रेनिंग सेंटर में अलग-अलग बैच के कैंडिडेट्स के ट्रेनिंग करने के कंन्फ्यूजन का फायदा उठाकर ट्रेनिंग करती रही थी।