जयपुर। राजस्थान पुलिस स्थापना के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आमजन में विश्चास और अपराधियों में डर का उदाहरण दिया, वहीं मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में भूमाफियों के हौसले इतने बुलंध है कि वो तीस साल पुरानी कॉलोनी का नाम बदलकर उस पर कब्जा करवाने का प्रयास करने में जुटे है। जबकि हालात ये है कि हाईकोर्ट का आदेश सिर्फ सीमानकन करवाने का था । उसी डी मार्केशन की आड़ में भूमाफिया कुंती विहार के भुखण्डो पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे है।
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सूत्रों के बताए अनुसार पटेल गृह निर्माण सहकारी समिति के द्वारा लगभग 30 साल पुर्व में ही पटटे जारी कर कब्जा आवंटियो को सम्भला कर विकसीत किया था
पटेल नगर गृह निर्माण सहकारी समिति ने जिन लोगों को यहां प्लॉट बेचे, उन लोगों ने अपने-अपने प्लॉटों का कब्जा लेकर उन पर पानी व बिजली के कनेक्शन भी ले लिए। आरोप है कि जिसके बाद अपने आप को गौतम विहार विकास समिति का अध्यक्ष बता कर भगवान सहाय अग्रवाल ने आपसी मिलीभगत कर कुंती विहार विकास समिति के चौकिदार रामुराम व अन्य के खिलाफ 22 फरवरी 2023 को झूठे मामले मानसरोवर थाने में दर्ज कराए ।
11 जून को किया चौकीदार पर हमला
प्लॉट पर मौजूद चौकीदार रामू राम (36) का आरोप है कि 11 जून 2024 की देर रात तोपखाना गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष दीपक शर्मा व गौतम विहार विकास समिति के अध्यक्ष भगवान सहाय अग्रवाल ने अपने 25-30 बदमाशों को प्लॉट पर भेजा और रामू राम से मारपीट करते हुए फायरिंग कर दिया। जिसके बाद रामू ने बदमाशों ने बचने के लिए दौड़ लगा दी। लेकिन बदमाशों ने रामू राम को पकड़ने का प्रयास किया। जिसमें उसके कपड़े फट गए। लेकिन रामू राम जान बचा कर भागने में सफल हो गया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने 11 बदमाशों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से दो बदमाशों के पास से अवैध पिस्टल बरामद करते हुए दो खोल बरामद किए है। वहीं 11 बदमाशों को शांतिभग के आरोप में गिरफ्तार किया है।
एक साल बाद पुलिस ने की कार्रवाई
बताया जा रहा है कि 10 जून 2024 को पुलिस ने डी दृमार्केशन के नाम से कुंती विहार पहुंची और पुराने दर्ज मामले में गिरफ्तारी का भय दिखाते हुए प्लॉट में अंदर खड़े वाहनों को क्रेन की सहायता से बाहर निकालना शुरु कर दिया। पुलिस की पीसीआर नम्बर -26 कॉलोनी के गेट पर खड़ी रही और 10 -15 गुड़े प्लॉट के अंदर घुसे और चौकीदार से मारपीट करते हुए वहां लगे सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया।
पूर्व में हो चुका था डी मार्केशन
पुलिस रोजनामचा के अनुसार अगर देखा जाए तो 28 जनवरी 2024 को मानसरोवर थाने में मौजूद एसआई विमलेश ,एसआई सुरेंद्र सिंह ने डी मार्केशन करवाया था और ये कार्य पुलिस की मौजूदगी में शांति पूर्वक तरीके से सम्पूर्ण हो चुका था। जिसका उल्लेख मानसरोवर थाने के रोजनामचे में इंद्राराज है। लेकिन मामले पर पर्दा डालने के लिए हाई कोर्ट को भी भूमाफियों ने गुमराह किया और कोर्ट को ये बताया कि कॉलोनी का दुबारा डी मार्केशन होना है क्योकि लोगों ने पूर्व में लगाए गए चिन्हों का खंभों को तोड़ दिया है।