शहर में बाल अधिकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित निजी और सरकारी संप्रेषण गृह इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। विभाग ने पिछले चार माह से यहां राशन समेत अन्य खर्चों के लिए बजट ही जारी नहीं किया। अब हालात यह हैं कि जयपुर में सेठी कॉलोनी स्थित संप्रेषण-विशेष और सुरक्षित गृह में राशन उधार पर आ रहा है वहीं पिछले दो महीने से बिजली का बिल जमा नहीं होने के कारण कनेक्शन काट दिया गया।
हालांकि कानून व्यवस्था बिगड़ने के मद्देनजर तीन दिन में बिल जमा कराने के आश्वासन पर कनेक्शन फिर से जोड़ा गया। गृह पर एक लाख 48 हजार रुपए का बिल बकाया है। बिल जमा कराने की अंतिम तिथि दस दिन पूर्व निकल चुकी है। ऐसे में गुरुवार को विद्युत निगम ने कनेक्शन काट दिया। यहां गंभीर अपराध में सजा काट रहे हार्डकोर बाल अपचारियों समेत विधि से संघर्ष कर रहे करीब 100 किशोर निवास कर रहे हैं। ऐसे में बिजली कटते ही गृह स्टाफ के हाथ-पैर फूल गए। बिजली विभाग के आला अधिकारियों को कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए स्टाफ ने कनेक्शन पुन: जोड़ने की गुहार लगाई। करीब पांच घंटे बाद तीन दिनों की मोहलत देते हुए उनका कनेक्शन पुन: जोड़ा गया।
गर्म कपड़ों का अभी पता नहीं
इन गृहों के कर्मचारियों ने बताया कि बजट के अभाव में चार महीने का समय बीत गया है। संबंधित ठेकेदार या एजेंसी भी राशन समेत अन्य सामान देने में आनाकानी करने लगे हैं। वहीं सर्दियों के लिए गर्म कपड़ों और गीजर समेत अन्य सुविधाओं का तो फिलहाल कुछ पता नहीं है।
इसलिए आ रही समस्या
विभाग के कार्मिकों की सैलरी समेत अन्य बजट केन्द्र और राज्य दोनों के योगदान से जारी होता है। इसके लिए कि पूर्व में एसएनए पोर्टल पर काम होता था, लेकिन अब एसएनए स्पर्श पोर्टल पर काम हो रहा है। नए पोर्टल पर जानकारी अपलोड में तकनीकी समस्या आ रही है।
होमगार्ड बोले, अब घर चलाना मुश्किल
वहीं इन तीनों गृहों की सुरक्षा के लिए 24 होमगार्ड तैनात रहते हैं। होम गार्ड योगेन्द्र सिंह ने बताया कि चार महीने से तनख्वाह नहीं मिली, ऐसे में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। अनिल कुमार ने बताया कि शिकायत विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंचा दी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गृहों में करीब 200 सरकारी और संविदा पर कार्मिक तैनात हैं। जिनका वेतन भी चार माह से बकाया चल रहा है। सबसे अधिक समस्या संविदा पर तैनात कार्मिकों को हो रही है।
जिम्मेदार ये बोले
समस्या के निदान का प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है जल्द बजट जारी हो जाएगा, जिसके बाद किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। – संगीता मीणा, अतिरिक्त निदेशक





