अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महज 38 वर्ष के सर्गियो गोर को भारत में अगला अमेरिकी राजदूत नियुक्त करने का ऐलान किया है. सर्गियो गोर , जो इस समय व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंशियल पर्सनेल ऑफिस के डायरेक्टर हैं, उनके बहुत पुराने दोस्त और भरोसेमंद साथी हैं. वे दक्षिण और मध्य एशिया के लिए विशेष दूत का काम भी करेंगे.
सर्गियो गोर की नियुक्ति की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब भारत-अमेरिका रिश्ते तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. ट्रंप ने भारतीय सामान पर टैरिफ 50% तक बढ़ा दिया. यही वजह है कि गोर की नियुक्ति पर अब सबकी नजरें टिकी हैं.
एक्सपर्ट से जानें क्या खाएं और क्या नहीं……’मानसून में नहीं बिगेड़गी गट हेल्थ…..
ट्रंप ने भारत में अपने सबसे खास को क्यों चुना?
सर्गियो गोर का भारत से कोई खास अनुभव नहीं है, लेकिन अमेरिकी राजनीति में यह आम बात है कि राष्ट्रपति अपने करीबी दोस्तों और समर्थकों को बड़े पदों पर नियुक्त करते हैं. जैसे कि बाइडेन ने भी लॉस एंजेलिस के पूर्व मेयर एरिक गार्सेटी को भारत का राजदूत बनाया था. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप गोर को इसलिए भेज रहे हैं ताकि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार को साफ संदेश जाए कि बातचीत अब सीधे राष्ट्रपति स्तर पर होगी.
हाल ही में भारत-अमेरिका रिश्तों में खिंचाव आया है खासकर रूस से भारत के तेल खरीदने को लेकर. वॉशिंगटन चाहता है कि नई दिल्ली रूस से दूरी बनाए, लेकिन भारत ने साफ इनकार कर दिया. इसके जवाब में ट्रंप ने भारतीय सामान पर टैरिफ 50% तक बढ़ा दिया. वहीं ट्रंप के टैरिफ वार के बीच भारत भी अमेरिका पर ज्यादा निर्भर न रहते हुए यूरोपियन यूनियन के साथ व्यापार समझौता करने और चीन-रूस के साथ अपने रिश्तों को फिर से संतुलित करने में लगा है.
सर्गियो गोर कौन हैं?
सर्गियो गोर का जन्म उज्बेकिस्तान में हुआ था, जब वह सोवियत संघ का हिस्सा था. बाद में उनका परिवार माल्टा चला गया. पढ़ाई उन्होंने अमेरिका में की और फिर रिपब्लिकन पार्टी की राजनीति में सक्रिय हो गए.
उन्होंने सीनेटर रैंड पॉल के साथ काम किया, फंडरेजिंग की, किताबें पब्लिश कीं और यहां तक कि शौकिया तौर पर शादी-ब्याह में डीजे भी रहे. ट्रंप के साथ उनकी नजदीकी काफी पुरानी है. अब जब तक सीनेट उनकी राजदूत नियुक्ति को मंजूरी नहीं देती, तब तक वह अपने पुराने पद पर ही बने रहेंगे.
