Explore

Search

November 14, 2025 5:47 pm

Indo-Pak Tensions: कश्मीर में छतों पर क्यों बनाए जा रहे लाल निशान……’खौफजदा पाकिस्तान कर रहा बदले की बात……

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email
एलओसी पर बढ़ते तनाव के बीच जम्मू कश्मीर की संस्थाओं ने सीमावर्ती जिलों से लगे अस्पतालों की छतों पर रेड क्रॉस के निशान बनाने शुरू कर दिए हैं.

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान पर 6-7 मई की दरमियानी रात हमला किया. इसे ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया गाय. हमले में पाकिस्तान के कम से कम 9 आतंकी ठिकाने तबाह हुए. पाकिस्तान इसके बाद ही से तल्ख बयानबाजी दे रहा है. उनके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कल पहले तो पाकिस्तानी आवाम को नेशनल असेंबली के जरिये संबोधित किया.

फिर देर रात राष्ट्र के नाम संबोधन में भी भारत को हमले का जवाब देने की बात की. पल-पल बदलते घटनाक्रम और भारत-पाकिस्तान सीमा – एलओसी पर बढ़ते तनाव के बीच जम्मू कश्मीर की संस्थाओं ने सीमावर्ती जिलों से लगे अस्पतालों की छतों पर रेड क्रॉस के निशान बनाने शुरू कर दिए हैं. इस निशान को अंतर्राष्ट्रीय तौर पर मान्यता मिली हुई है. क्या है इसका मतलब, आइये जानें.

इस तरह करें कच्चे दूध का इस्तेमाल…….’गर्मियों में नहीं जाएगा चेहरे का निखार…….

जिनेवा कन्वेंशन में क्या है व्यवस्था

रेड क्रॉस – इस एहतियाती उपाय का मकसद दो देशों के बीच सीमा रेखा पर बढ़ते तनाव के बीच किसी भी तरह के हवाई या फिर बम धमाके से अस्पतालों को बचाना है. संयुक्त राष्ट्र का जिनेवा कन्वेंशन एक तरह का अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून है. जिसका मकसद संशस्त्र संघर्ष के दौरान आम लोगों की सुरक्षा और किसी अनहोनी के दौरान इलाज के नियम तय करना है.

इसे यूं भी कहा जाना चाहिए कि ये कन्वेंशन युद्ध के कुछ नियम तय करता है. जिससे जंग की सूरत में भी नागरिकों और युद्धबंदियों के अधिकारों की रक्षा होती रहे. इसी के तहत जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में मौजूद अस्पतालों पर रेड क्रॉस का निशान बनाया जा रहा है, ताकि स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों और उनसे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले न हो.

रेड क्रॉस से क्या संदेश दिया जाता है

किसी इमारत पर रेड क्रॉस के निशान बनाने का मतलब दुश्मन खेमे को ये बतलाना होता है कि संबंधित इमारत एक अस्पताल है और उसको जिनेवा कन्वेंशन के तहत निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, श्रीनगर, अनंतनाग और इसी तरह के दूसरे जिले जो भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे हुए हैं, वहां मौजूद अस्पतालों में ये निशान बनाए जा रहे हैं.

भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम हमले के बाद ही से सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं काफी तेजी से बढ़ी हैं. साथ ही, भारत की तरफ से पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में किए गए मिसाइल हमले के बाद ही से पाकिस्तान की तरफ से बड़े पैमाने पर सीमावर्ती इलाकों में बमबारी की गई है. साथ ही, अब भी किसी भी तरह के हमले की आशंका बनी हुई है.

पहलगाम में 22 अप्रैल को क्या हुआ था

22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों को जान से मार दिया था. भारत ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तानी आतंकवादियों और उसके इंफ्रास्ट्रक्चर को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि, पाकिस्तान पहलगाम हमले में किसी भी तरह की संलिपतता से इनकार करता रहा है.

पाकिस्तान की सरकार इस हमले की निष्पक्ष जांच अंतर्राष्ट्रीय संगठन से कराने की मांग करती रही. जबकि भारत का कहना है कि उसके पास इस हमले के पाकिस्तान से संचालित होने और वहां से योजना बनाए जाने के पुख्ता खुफिया सबूत हैं.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर