भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (India-US Trade Deal) को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इस बीच, एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया गया है. खबर है कि अमेरिका भारत पर 20 फीसदी से कम टैरिफ (US Tariff on India) रख सकता है. यह भारत के लिए एक बड़ी राहत की बात है, क्योंकि इसके पड़ोसी देशों जैसे चीन और बांग्लादेश पर 50 फीसदी तक टैरिफ लागू होने वाला है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह ट्रेड डील दोनों देशों की सहमति के बाद पूरा होने के कगार पर है. यह डील आगे एक बड़े व्यापार के लिए बातचीत जारी रखने की गुंजाइश रखेगा और साथ ही शुरुआती टैरिफ को 20% से नीचे रख सकता है, जबकि ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत पर 26% टैरिफ लगाने की बात कही थी.
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चीन को लगेगा झटका
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि यह डील भारत के लिए बड़ा लाभदायक होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अब तक केवल वियतनाम और ब्रिटेन के साथ ही समझौतों का खुलासा किया है, जबकि चेतावनी दी है कि अधिकांश अन्य साझेदारों को 15% से 20% तक के व्यापक टैरिफ का सामना करना पड़ेगा.
वियतनाम 20 फीसदी की टैरिफ से परेशान है और अभी भी इसे कम करने पर जोर दे रहा है. ट्रंप ने वियतनाम के जरिए चीन के आने वाले समानों पर भी ज्यादा टैरिफ लगाने की बात कही है. इसके अलावा, चीन को लेकर कहा है कि अगर डील पूरी नहीं होती है तो चीन को और ज्यादा टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है.
भारत को मिलेगी बड़ी राहत
रिपोर्ट के अनुसार, अगर भारत इस डील को अंतिम रूप दे देता है तो भारत उन देशों के छोटे ग्रुप में शामिल हो जाएगा, जिन्हें वाशिंगटन से व्यापार राहत मिलेगी और वह भी ऐसे समय में जब ट्रंप टैरिफ को अन्य देशों पर बढ़ाकर दबाव बना रहे हैं. एशिया के लिए पहले से घोषित टैरिफ वियतनाम और फिलीपींस के लिए 20% से लेकर लाओस और म्यांमार के लिए 40% तक है.
भारत ने रखी स्पष्ट शर्तें
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नई दिल्ली वियतनाम को मिली शर्तों से बेहतर शर्तों की मांग कर रही है और भारतीय वार्ताकार जल्द ही बातचीत जारी रखने के लिए वाशिंगटन जाएंगे. भारत ने अपनी अंतिम पेशकश स्पष्ट कर दी है और उन चीजों को भी बता दिया है, जिसका उल्लंघन वह नहीं करेगा. इसमें एग्रीकल्चर के लिए व्यापार खोलने का विरोध शामिल है. भारत ने इसे किसानों के लिए रिस्की बताया है.
जल्द हो सकती है डील
कृषि और फार्मा नियमों में गैर-टैरिफ बाधाओं को लेकर, कुछ मुद्दे अभी भी बने हुए हैं, लेकिन अंतरिम व्यवस्था से दोनों पक्षों को इन मुद्दों को सुलझाने के लिए समय मिला है. कहा जा रहा है कि 1 अगस्त से पहले भारत अमेरिका के बीच डील हो सकती है. भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, व्हाइट हाउस और अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने ब्लूमबर्ग की इस खबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
