चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला 9 मार्च को खेला जाएगा। यह मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। रविवार को होने वाले फाइनल मुकाबले में जिस पिच पर मैच होगा, उस पिच पर पहले भी मैच हो चुका है। भारत और पाकिस्तान के खिलाफ जिस पिच का इस्तेमाल किया गया था, वहीं पिच पर अब भारत और न्यूजीलैंड का खिताबी मुकाबला होगा।
यह अधिकांश पिचों की तरह, यह धीमी और सुस्त होने की उम्मीद है, जो स्पिनरों को निश्चित सहायता प्रदान करेगी और भारतीय टीम को इससे कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। भारतीय टीम इस मैच में भी चार स्पिनर के साथ उतर सकती है। भारतीय टीम को फाइनल में एक बार फिर स्पिनरों से बड़ी उम्मीद होगी।
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इस पिच पर पाकिस्तान को मिली थी हार
पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मुकाबले में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस मुकाबले में भारत के स्पिनरों ने कुल 5 विकेट चटकाए। पाकिस्तान के खिलाफ वरुण चक्रवर्ती नहीं खेले थे। उसके बाद से वरुण की इंट्री प्लेइंग में हुई। अब भारतीय टीम ज्यादा सुलझी हुई नजर आ रही है।
पिच पर गेंदबाजों को अधिक मदद मिलेगी
दुबई की पिचों ने बल्लेबाजों की तुलना में गेंदबाजों को अधिक मदद की है। दुबई में अब तक चार मैचों में औसत स्कोर 246 है। जिसमें भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाया गया 264 रन पहली पारी का सर्वोच्च स्कोर है। भारत ने 49वें ओवर में छह विकेट खोकर उस लक्ष्य को हासिल कर लिया था। संयोग से पाकिस्तान में खेले गए 10 मैचों में औसत स्कोर 295 है।
ऑस्ट्रेलिया के क्यूरेटर बना रहे हैं पिच
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में कुल 10 पिचें हैं। जिनका प्रबंधन ऑस्ट्रेलिया के क्यूरेटर मैथ्यू सैंडरी कर रहे हैं। ये सभी एक-दूसरे से काफी हद तक मिलती-जुलती हैं। सभी पिच धीमी प्रकृति की और स्पिनरों के लिए अचूक मदद वाली है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने चैंपियंस ट्रॉफी में अब तक चार अलग-अलग पिचों का इस्तेमाल किया है। फाइनल के लिए उनमें से एक पिच जो बीच में स्थित है, उसका इस्तेमाल फिर से किया जा रहा है। पिछले मैच को दो सप्ताह से अधिक समय हो चुका है। इसलिए पिच को अब इस मैच के लिए पर्याप्त समय मिल चुका है।
