अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया को आंख दिखाते हैं. लेकिन जब बात रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आती है तो वह धमकी देने की जगह डील की बात करते हैं. ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात की है और युद्ध खत्म होने की एक अच्छी संभावना है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पुतिन से यह भी कहा है कि वह कुर्स्क में घिरे यूक्रेनी सैनिकों की जान बख्श दें. ट्रंप के इस बयान के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें झटका दे दिया है. दरअसल जब ट्रंप ने यूक्रेनी सैनिकों की जान बख्शने की बात कही तो उन्हें लगा होगा कि पुतिन बहुत ही आसानी से चीजों को होने देंगे. लेकिन पुतिन ने अब सीधे कह दिया है कि अगर यूक्रेनी सैनिकों को अपनी जान बचानी है तो उन्हें सरेंडर करना होगा. यह दिखाता है कि दुनिया के लिए ‘चौधरी’ बनने वाले अमेरिका का रूस पर जोर नहीं चलता.
इसका एक उदाहरण शुक्रवार को देखने को मिला जब रूस ने 30 दिनों के सीजफायर को नकार दिया. दरअसल सऊदी अरब में यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों की मीटिंग हुई थी. इस मीटिंग के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 30 दिनों के सीजफायर पर सहमति जताई थी, लेकिन राष्ट्रपति पुतिन के करीबी यूरी उशाकोव ने अब एक लंबे सीजफायर पर जोर दिया है. उशाकोव ने अस्थायी युद्धविराम को यूक्रेनी सैनिकों के लिए अस्थायी राहत से ज्यादा कुछ नहीं बताया.
कुर्स्क में घिरे यूक्रेनी सैनिक
रूस के कुर्स्क इलाके पर पिछले साल यूक्रेनी सैनिकों ने अचानक हमला किया था. यूक्रेनी सैनिकों ने इस हमले के जरिए रूस के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया. कुर्स्क क्षेत्र पर कब्जा यूक्रेन को बातचीत में बढ़त देता है. इसके जरिए यूक्रेन अपने उन इलाकों से रूस को हटने के लिए मजबूर कर सकता है, जिसे फिलहाल पुतिन की सेना ने कब्जाया हुआ है. शुक्रवार को ट्रंप ने दावा किया कि हजारों यूक्रेनी सैनिकों को रूस ने घेरा हुआ है और उन्होंने पुतिन से इनकी जान बख्शने का अनुरोध किया है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि ट्रम्प ने गुरुवार को पुतिन से बात नहीं की थी, लेकिन अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने एक लंबी मीटिंग की थी.
यूक्रेन का सरेंडर चाहते हैं पुतिन
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से पुतिन को युद्ध में फायदा मिलता दिख रहा है. यही कारण है कि वह कुर्स्क में मौजूद यूक्रेनी सैनिकों का सरेंडर चाहते हैं. अगर हजारों यूक्रेनी सैनिक रूस के युद्धबंदी बन जाते हैं तो पुतिन को आगे की बातचीत में बड़ी बढ़त मिलेगी. पुतिन ने ट्रंप के आह्वान पर कहा, ‘मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि अगर यूक्रेनी सैनिक अपने हथियार डाल देते हैं और आत्मसमर्पण कर देते हैं तो अंतरराष्ट्रीय कानून और रूसी संघ के कानूनों के मुताबिक उनकी जान बख्श दी जाएगी.’ रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने एक पोस्ट में धमकी भरे लहजे में कहा, ‘यदि यूक्रेनी सैनिक अपने हथियार डालने से इनकार करते हैं, तो वे सभी निर्दयतापूर्वक नष्ट कर दिए जाएंगे.’
