Explore

Search

October 15, 2025 12:55 pm

सहारा में जमा किये पैसे नहीं मिल रहे…….’वापस तो उचित प्राधिकार से करनी होगी शिकायत!

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

लीगल काउंसलिंग में पाठकों ने वरीय अधिवक्ता कुमार रणबीर मिश्रा से ली कानूनी सलाहसंवाददाता, भागलपुर लीगल काउंसलिंग के तहत रविवार को पाठकों को कानूनी सलाह दी गयी. सलाह देने के लिए वरीय अधिवक्ता कुमार रणबीर मिश्रा मौजूद थे. पाठकों द्वारा किये गये कॉल में अधिकांश मामले सिविल डिस्प्यूट से जुड़े थे. वहीं कुछ मामले लेन-देन संबंधित और पुलिस की ज्यादती के भी थे.

सवाल
सहारा इंडिया में जमा किये गये 4-5 लाख रुपये में से दो साल पूर्व महज 10 हजार रुपये की किस्त ही मिली है. जमा अन्य पैसों को पाने के लिए क्या किया जाये?
जवाब
सहारा इंडिया के संस्थापक सह निदेशक की मौत के बाद कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया था. उसके सारे एसेट आरबीआई ने जब्त कर ली थी. अब आरबीआइ के माध्यम से कंपनी में निवेश करने वाले लोगों को उनके पैसे दिलाये जा रहे हैं. जिन लोगों को पैसे मिलने में परेशानी हो रही है उन्हें उचित प्राधिकार के तहत आवेदन करना होगा. जिन जगहों पर सहारा इंडिया के कार्यालय थे वहां अब भी क्रियान्वित हैं. वहां भी आवेदन कर व अधिकारियों से मिल कर अपनी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है.

Fatty Liver: ऐसे करें डाइट में शामिल…….’आंवला और अदरक के सेवन से फैटी लिवर लक्षणों को कर सकते हैं रिवर्स…..

सवाल

पूर्व में विपक्षियों ने जमीन का एक प्लॉट मेरी दादी के नाम पर रजिस्ट्री कर दी थी. जिसका म्यूटेशन भी करा लिया गया था. बाद में पता चला कि वह जमीन श्री श्री 108 के नाम से है और इसका मामला कोर्ट में था. बाद में कोर्ट ने श्री श्री 108 के दावे को खारिज कर दिया. अब विपक्षी पुन: उस जमीन को वापस मांग रहे हैं या फिर वर्तमान में रेट से जमीन के पैसों की मांग कर परेशान कर रहे हैं?

जवाब

जब विपक्षियों ने उक्त भूमि की रजिस्ट्री कर दी थी उसके बाद से उनका मालिकाना हक जमीन से खत्म हो चुका है. बाद में जब कोर्ट ने जमीन से श्री श्री 108 का दावा खारिज कर दिया तो उस जमीन का मालिकाना हक उसी व्यक्ति का है जिन्हें विपक्षियों से जमीन का म्यूटेशन कराया. इसके लिए न्यायालय में वाद दायर कराएं. अगर विपक्षी पैसों की मांग कर रहे हैं तो उसे रंगदारी समझा जाये और पुलिस के माध्यम से मामले में कानूनी कार्रवाई करें.

सवाल

कुछ दिन पूर्व कुछ पुलिसकर्मियों ने नो पार्किंग का नाम लेकर उन्हें और उनके पति को काफी परेशान किया था. यह कार्य पुलिस द्वारा तब किया गया जब वह खुद मरीज थी और उनका ऑपरेशन हुआ था. उनके पति ने तिलकामांझी स्थित अस्पताल से बैंडेज खरीदने के लिए कार रोकी थी. उस वक्त वह कार में मौजूद थे? क्या करना चाहिये?

जवाब
अगर पुलिस पदाधिकारी या कर्मियों द्वारा बिना वजह परेशान किया गया है और मिथ्या आरोप लगाया गया है तो उसके विरुद्ध वरीय पदाधिकारियों से उचित साक्ष्य के साथ शिकायत करें. अगर वहां भी कोई कार्रवाई नहीं होती है तो इसको लेकर कोर्ट में कंप्लेन केस दायर कराया जा सकता है.
सवाल

दादा के नाम पर एक खतियानी जमीन है. जिसका रशीद कट रहा है. कुछ दिन पूर्व उक्त जमीन का कुछ हिस्सा जरूरी काम से बेचने का निर्णय लिया था. पर जब इसको लेकर रजिस्ट्री ऑफिस गया तो वहां से उक्त जमीन पर वक्फ बोर्ड का दावा बोल कर उन्हें अंचल जाने को कहा गया. ऐसे में क्या कानूनी कार्रवाई की जाये?

जवाब

खतियान अगर दादा के नाम से है और उसका रशीद कट रहा है तो ऐसे में उचित जांच कराने को लेकर अंचल में आवेदन देना होगा. इसको लेकर एडीएम और जिलाधिकारी के पास भी शिकायत कर इसकी जांच की मांग की जा सकती है. जमीन अगर खतियानी है तो वक्फ बोर्ड की जमीन के दावों पर अपना दावा किया जा सकता है. इसके लिए न्यायालय का भी सहारा लिया जा सकता है.

सवाल

पिता के नाम से एक खतियानी जमीन है जोकि काबिल लगान हो गया है. इसके लिए जब अंचल जाते हैं तो कर्मचारी 10 हजार रुपये की मांग करते हैं. ऐसे में क्या करें?

जवाब

जमीन अगर काबिल लगान हो गया तो यह देखना जरूरी है कि कहीं सरकार ने वह जमीन तो नहीं ले ली. अगर सरकार द्वारा जमीन ली गयी तो इसको लेकर अंचलाधिकारी को आवेदन देकर काबिल लगान खत्म करने की मांग की जा सकती है. अगर कर्मचारी पैसों की मांग करते हैं तो इसका ठोस साक्ष्य लेकर वरीय पदाधिकारियों से इसकी शिकायत की जा सकती है.

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर