कई बार ऐसा होता है कि आपने कोई ट्रैफिक नियम नहीं तोड़ा, फिर भी आपके मोबाइल पर चालान का मैसेज आ जाता है. इसके पीछे CCTV कैमरे की गड़बड़ी, किसी और व्हीकल के नंबर से मिलती-जुलती आपकी गाड़ी, या फिर ट्रैफिक पुलिस की गलती हो सकती है.
लेकिन अच्छी बात ये है कि अगर चालान गलत कटा है, तो आप उसे कैंसिल करवा सकते हैं. इसके लिए आपको कोई जुर्माना भरने की जरूरत नहीं है. बस आपको सही तरीका अपनाना होगा. यहां हम आपको बताएंगे कि आप कैसे गलत चालान को चुनौती देकर उसे खत्म कर सकते हैं.
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ऑनलाइन शिकायत करें
आज के डिजिटल जमाने में आप घर बैठे ही चालान को चुनौती दे सकते हैं. इसके लिए आपको eChallan Parivahan की वेबसाइट पर जाना होगा.
Dispute या शिकायत ऑप्शन पर क्लिक करें. यहां पर चालान नंबर, व्हीकल नंबर और मोबाइल नंबर भरें. सबूत अपलोड करें, जैसे ट्रैफिक कैमरे की गलती का स्क्रीनशॉट, आपकी लोकेशन का प्रूफ, गाड़ी की फोटो या RC सबमिट करें और जवाब का इंतजार करें. अगर आपकी शिकायत सही निकली, तो चालान खुद-ब-खुद रद्द कर दिया जाएगा.
ऑफलाइन शिकायत दर्ज करें
अगर आप ऑनलाइन नहीं कर सकते, तो ये तरीका अपनाएं. ट्रैफिक पुलिस स्टेशन जाएं, अपनी शिकायत लिखित में दें. अपने साथ चालान की कॉपी, व्हीकल के डॉक्युमेंट्स और पहचान पत्र लेकर जाएं. हेल्पलाइन पर कॉल करें. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का 1095 (टोल फ्री) नंबर 011-2584-4444 है.
ईमेल से शिकायत भेज सकते हैं दिल्ली के लिए info@delhitrafficpolice.nic.in ध्यान दें हर स्टेट का हेल्पलाइन और ईमेल अलग होता है. अपने स्टेट की ट्रैफिक पुलिस वेबसाइट पर जाकर जानकारी लें.
कोर्ट में अपील करें
अगर पहले दोनों तरीकों से बात नहीं बनती है तो आप कोर्ट का सहारा ले सकते हैं. कोर्ट में Traffic Challan Dispute Application लगाएं. चालान से जुड़े सभी डॉक्यूमेंट्स साथ लें जैसे RC, फोटो और पहचान पत्र लेकर जाएं. सुनवाई के दौरान अपनी बात और सबूत पेश करें.
अगर कोर्ट को आपकी बात सही लगी, तो चालान कैंसिल कर दिया जाएगा. हालांकि ये प्रोसेस थोड़ा लंबा हो सकता है लेकिन असरदार होता है.
लोक अदालत में अपील करें
अगर कोर्ट का झंझट नहीं चाहिए, तो लोक अदालत बेहतर ऑप्शन हो सकता है. इस अदालत में बिना वकील के काम हो जाता है. जल्दी फैसला होता है. कोई एक्स्ट्रा फीस नहीं लगती.
अपने स्टेट में लोक अदालत की तारीख और स्थान की डिटेल्स चेक करें. चालान की कॉपी, व्हीकल के कागज और पहचान पत्र लेकर वहां जाएं. ट्रैफिक अधिकारी और न्यायिक अफसर को अपनी बात समझाएं. अगर आप अपनी बात साबित कर पाते हैं तो आपका चालान माफ या उसका जुर्माना कम कर दिया जाता है.
