ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पश्चिम एशिया में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है. इजराइल लगातार हमले की धमकी दे रहा है, अमेरिका बातचीत की कोशिश में है और इस बीच सऊदी अरब अब खुद तेहरान जाकर समझाने की कोशिश कर रहा है. सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान हाल ही में ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचे और उन्होंने वहां ईरानी नेताओं को एक साफ-साफ चेतावनी दी. कहा कि अगर अमेरिका से समझौता नहीं किया, तो इजराइली हमले के लिए तैयार रहो.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार इन दिनों ईरान के साथ सीधे परमाणु बातचीत कर रही है. इस बातचीत का मकसद है ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाना और बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में राहत देना. अब तक अमेरिका और ईरान के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सबसे बड़ी अड़चन है यूरेनियम संवर्धन. अमेरिका चाहता है कि ईरान इस पर रोक लगाए, लेकिन ईरान इसके लिए तैयार नहीं है.
इजराइल के तेवर गरम, हमला कर सकता है
हाल ही में खबर आई कि अगर अमेरिका ईरान की फंडिंग बहाल कर दे और शांतिपूर्ण उपयोग के लिए यूरेनियम संवर्धन के अधिकार को मान्यता दे दे, तो ईरान कुछ हद तक संवर्धन रोक सकता है. हालांकि ईरान की विदेश मंत्रालय ने सार्वजनिक रूप से इस पर रोक की बात से इनकार किया है. इस पूरे मसले में इजराइल की भूमिका बेहद अहम है. इजराइल को आशंका है कि ईरान परमाणु हथियार बना सकता है और इसलिए वो बार-बार चेतावनी दे रहा है कि अगर बातचीत से बात नहीं बनी, तो वो ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर देगा. इसी चिंता को देखते हुए सऊदी अरब एक्टिव हुआ है. क्योंकि अगर इजराइल और ईरान के बीच जंग होती है, तो पूरा मिडल ईस्ट फिर से हिंसा की आग में झुलस सकता है.
सऊदी की सीधी चेतावनी, अब वक्त बर्बाद मत करो
इसी माहौल में 17 अप्रैल को सऊदी के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ईरान पहुंचे. उन्होंने तेहरान के राष्ट्रपति भवन में ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान, चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी और विदेश मंत्री अब्बास अराकची से मुलाकात की. सऊदी मंत्री का संदेश बिल्कुल साफ था कि अमेरिका के प्रस्ताव को गंभीरता से लो, वरना इजराइल कभी भी हमला कर सकता है.
ईरान का जवाब-बात करेंगे, लेकिन भरोसा नहीं
सूत्रों के मुताबिक, खालिद ने कहा कि ट्रंप सरकार के पास बहुत ज्यादा वक्त नहीं है और अगर समझौता जल्दी नहीं हुआ, तो हालात हाथ से निकल सकते हैं. दूसरी तरफ ईरानी राष्ट्रपति ने बातचीत की इच्छा जताई लेकिन साथ ही ट्रंप सरकार की अविश्वसनीय और अचानक बदलने वाली नीति को लेकर चिंता भी जताई. उन्होंने कहा कि ईरान प्रतिबंधों से राहत चाहता है लेकिन वो पूरी तरह से अपने परमाणु कार्यक्रम को खत्म नहीं कर सकता.
