इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने बाउंड्री पर कैच के नियम में बदलाव करने के बाद अब एक और नए नियम को टेस्ट क्रिकेट में लेकर आया है. ICC ने व्हाइट बॉल फॉर्मेट में स्टॉप क्लॉक शुरू करने के एक साल बाद इसे टेस्ट क्रिकेट में भी शुरू करने का फैसला किया है, क्योंकि इस फॉर्मेट में धीमी ओवर गति लंबे समय से एक समस्या रही है. नियम के अनुसार, फील्डिंग करने वाली टीम को पिछले ओवर के खत्म होने के एक मिनट के भीतर ही अगला ओवर शुरू करने के लिए तैयार रहना होगा. ऐसा न करने पर दूसरी टीम को 5 रन का फायदा मिल जाएगा.
क्या है नियम?
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025-27 की शुरुआत 17 जून से हो चुकी है. इसी के साथ ICC ने 5 रन पेनल्टी का नियम भी लागू कर दिया था. इस नियम के मुताबिक जो टीम फील्डिंग कर रही है, उसको ओवर समाप्त होने के एक मिनट के अंदर ही दूसरा ओवर शुरू कर देना है. ऐसा न करने पर उन्हें अंपायरों से दो चेतावनियां मिलेंगी. उन चेतावनियों के बाद अंपायर गेंदबाजी करने वाली टीम पर पांच रन का जुर्माना लगाएंगे। 80 ओवर के प्रत्येक ब्लॉक के बाद चेतावनियां फिर से जीरों पर रीसेट हो जाएंगी. साथ ही, घड़ी को 0 से 60 तक ऊपर की ओर गिना जाएगा. ये नियम श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच गॉल में खेले गए पहले टेस्ट मैच से लागू हो गए थे.
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वनडे और T20I में लागू हो चुका है ये नियम
ICC ये नियम वनडे और T20I में लागू कर चुका है. अब इसे टेस्ट क्रिकेट में भी लागू कर दिया गया है, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में टीमें ओवर शुरू करने में काफी समय लेती थीं. इससे ये फॉर्मेट बोरिंग होने लगा था, लेकिन ये नियम लागू होने से इसमें रोमांच बढ़ जाएगा.
ये नियम कुछ हद तक टाइम आउट से मेल खाता है. टाइम आउट नियम के तहत बल्लेबाजों को देरी से क्रीज लेने पर पेनल्टी के रूप में आउट कर दिया जाता है. कुछ उसी तरह का ये नया नियम भी है. अगर गेंदबाज ओवर फेंकने के लिए तीसरी बार 60 सेकेंड या उससे अधिक का समय लेता है, तो गेंदबाजी टीम पर 5 रन की पेनल्टी लगाई जाएगी और दूसरी टीम के स्कोर में इसे जोड़ दिया जाएगा.
