नई दिल्ली. उद्योगपति रतन टाटा की मृत्यु के बाद अब लोगों के बीच इस तरह की चर्चाएं तेज हैं कि इस महान शख्सियत का अंतिम संस्कार कैसे होगा. कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें मुखाग्नि दी जाएगी. इस तर्ज पर उनके चाहने वालों में ऐसे भी लोग हैं, जो कयास लगा रहे हैं कि शायद रतन टाटा का सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. चलिए हम आपको विस्तार में बताते हैं कि भारत की ग्रोथ स्टोरी में अहम भूमिका निभाने वाले रतन टाटा का अंतिम संस्कार कैसे होगा? अब तक उनके अंतिम संस्कार की विधि को लेकर कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई है. फिलहाल जो खबर सामने आ रही है, उसके मुताबिक रतन टाटा के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-खाक यानी दफनाया जाएगा.
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रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अस्पताल ले लोने के बाद मुंबई के कोलाबा में स्थित उनके बंगले में रखा गया. सुबह 9.45 पर उनके पार्थिव शरीर को कोलाबा से नरीमन प्वाइंट के एनसीपीए के लिए ले जाया जाएगा. कोलाबा से एनसीपीए की दूरी करीब दो किलोमीटर की है. इसके लिए मुंबई पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया है. अंतिम दर्शन के लिए सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक रतन टाटा के पार्थिव शरीर को एनसीपीए में रखा जायेगा. उसके बाद पार्थिव शरीर को एनसीपीए से वर्ली ले जाया जाएगा. जहां, पारसी रीती रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
2012 में चेयरमैन पद से दिया इस्तीफा
बता दें कि रतन टाटा साल 1991 में 100 बिलियन डॉलर के टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने थे. वो साल 2012 तक इस पद पर रहे. 100 साल से भी पुराने देश के इस सबसे बड़े उद्योग ग्रुप में से एक टाटा ग्रुप में उन्होंने 1996 में दूरसंचार कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को उन्होंने पब्लिक लिस्ट कराया. रिटायरमेंट के बाद भी रतन टाटा सोशल मीडिया पर एक लोकप्रिय शख्सियत बने रहे. रतन टाटा के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर उद्योगपति मुकेश अंबानी तक ने शोक व्यक्त किया. रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र और झारखंड में राजकीय शोक का ऐलान किया गया है.
