कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी संसद में अपने बैग्स को लेकर चर्चा में बनी हुईं हैं. उनके बैग्स हर रोज कुछ न कुछ राजनीतिक संदेश लिए होते हैं. पहले दिन उन्होंने अडानी और पीएम नरेंद्र मोदी के रिश्ते को,टार्गेट किया, दूसरे दिन पेलेस्टाइन लिखा हुआ बैग लेकर संसद पहुंची. जाहिर है बीजेपी को दोनों ही दिन उनका रवैया ठीक नहीं लगा. बीजेपी ने विरोध किया था और कहा था कि प्रियंका और कांग्रेस को बांग्लादेश के हिंदुओं का दर्द नहीं दिखता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें उत्तर प्रदेश के इजरायल गए 5600 युवाओं की चिंता नहीं है. शायद यही कारण था कि कांग्रेस नेता मंगलवार को संसद में बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के समर्थन वाला बैग लेकर पहुंचीं. इस बैग पर लिखा था- ‘बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हो.’
Fruits For Skin Care: खाएं ये पांच फल…….’सर्दियों में त्वचा को कैसे रखें हेल्दी……
प्रियंका की बांग्लादेशी हिंदुओं के प्रति सहानुभूति क्या दिखावा भर है?
प्रियंका गांधी ने मंगलवार को बांग्लादेशी हिंदुओं के प्रति जो सहानुभूति दिखाई उसे उनके विरोधी ड्रामा करार दे रहे हैं. दरअसल प्रियंका गांधी जिस तरह से फिलिस्तीन और गाजा को लेकर आवाज उठाती रही हैं ,उस तरह उन्होंने कभी बांग्लादेश के हिंदू पीड़ितों के लिए आवाज नहीं उठाई. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी सोमवार को संसद में फिलिस्तीन के समर्थन वाला एक बैग लेकर पहुंची थी. इस पर लिखा था ‘फिलिस्तीन आजाद होगा’. हैंड बैग पर शांति का प्रतीक सफेद कबूतर और तरबूज भी बना था. इसे फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता का प्रतीक माना जाता है. पर ऐसा पहली बार नहीं कि प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का समर्थन किया है.
इजरायल के हमले के दौरान भी लगातार वो ट्वीट करके फिलिस्तीन पीड़ितों के लिए अपनी संवेदना प्रकट करती रही हैं. हाल ही में भारत में आए फिलिस्तीन के राजदूत Abed Elrazeg Abu Jazer से भी मुलाकात की थी. फिलिस्तीनी राजदूत ने भी प्रियंका गांधी को वायनाड लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई दी थी. कुल मिलाकर प्रियंका गांधी जिस तरह से फिलिस्तीनियों के लिए खड़ी नजर आती है उसमें उनकी मदद करने की बेचेनी दिखती है. इसके ठीक उलट बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए जो उन्होंने लिखा या कभी बोला वो केवल एक औपचारिकता निभाना ही दिखता रहा है.
जून 2024 में भी प्रियंका ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी. तब उन्होंने कहा था कि गाजा में इजराइल सरकार ने क्रूरतापूर्वक नरसंहार किया है.प्रियंका ने X पर लिखा था- सही सोच रखने वाले हर व्यक्ति और दुनिया की हर सरकार की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे इजराइल सरकार के नरसंहार की निंदा करें और उन्हें रोकने के लिए मजबूर करें.इसी साल अक्टूबर में हमास और इजराइल के बीच शुरू हुई जंग को एक साल पूरे होने पर भी प्रियंका गांधी ने इजराइल पर निशाना साधा था. गाजा में बढ़ती मौतों के बीच प्रियंका ने इजराइल पर हमला बोला था.वायनाड में चुनाव लड़ते समय भी लगातार प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया था. इस तरह की बेचैनी बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए उन्होंने कभी नहीं दिखाई.
हालांकि मंगलवार को बैग पर बांग्लादेशी हिंदुओं और ईसाइयों के लिए सहानुभूति दिखाने वाली प्रियंका ने लोकसभा में सोमवार को भी इस मुद्दे की चर्चा की थी. प्रियंका गांधी ने प्रश्नकाल में कहा कि मैं सबसे पहले जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहती हूं, वह यह है कि इस सरकार को बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, उनसे बातचीत करनी चाहिए और उनका समर्थन करना चाहिए. प्रियंका ने कहा- बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा था, बांग्लादेश के लोगों, हमारे बंगाली भाइयों और बहनों की आवाज कोई नहीं सुन रहा.
‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की खातिर भी प्रियंका ने नहीं की बांग्लादेशी हिंदुओं की चिंता
प्रियंका गांधी जिस अंदाज में बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बारे में अपनी चिंता दिखाई है वो कुछ भी हो पर कम से कम सॉफ्ट हिंदुत्व तो कतई नहीं हो सकता है. केवल ह्यूनिटी ही वजह हो सकती है. क्योंकि प्रियंका ने अपने बैग पर बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ ईसाइयों के लिए भी चिंता व्यक्त की थी. हालांकि ये जगजाहिर है कि जितनी नफरती हिंसी की खबरें बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ आईं हैं उतनी ईसाइयों के साथ हुए अत्याचार की नहीं आईं हैं. पर अगर एक भी ईसाई के साथ अत्याचार होता है तो उसकी आलोचना होनी चाहिए. पर जब हिंदू और ईसाई दोनों की चिंता की जाएगी तो कम से कम इसे हिंदुत्व से नहीं ही जोड़ा जाएगा. और शायद प्रियंका चाहती भी नहीं हैं कि उनका नाम किसी भी तरह से हिंदुत्व से जोड़ा जाए. क्योंकि पिछले कुछ सालों से कांग्रेस पर हिंदू विरोधी और मुस्लिम समर्थक होने का ठप्पा लग गया है. एके एंटनी आयोग ने भी माना था कि कांग्रेस की हार कारण हिंदू विरोधी इमेज बन जाना है.
पर शायद अब कांग्रेस इसे ही अपना प्लस पॉइंट मानकर काम कर रही है. क्योंकि पिछले 2 सालों से कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व का रास्ता बंद कर दिया है. शायद यही कारण रहा कि गांधी परिवार का कोई भी सदस्य अभी तक अयोध्या में राम मंदिर का दर्शन करने भी नहीं गया. कांग्रेस को लगता है कि मुस्लिम वोट और दलित वोट उनके कोर वोटर्स रहे हैं. इन्हीं वोटों के बल पर आज समाजवादी पार्टी, आरजेडी, आम आदमी पार्टी आदि मजबूत बनी हुईं हैं. इसलिए कांग्रेस एक सूत्र में पहले विपक्ष से अपना कोर वैट बैंक छीनना चाहती है.
योगी की चिंता कितनी जायज?
यूपी विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के बैग पर निशाना साधा. प्रियंका गांधी फिलीस्तीन लिखे बैग को लेकर योगी ने विधानसभा में तंज कसा. योगी ने कहा कि कांग्रेस की एक नेत्री फिलिस्तीन का बैग लेकर घूम रही थीं और हम यहां यूपी के नौजवानों को इजराइल भेज रहे हैं. यूपी से अब तक 5000 से ज्यादा युवा रोजगार के लिए इजराइल भेजे जा चुके हैं. वहां वे निर्माण कार्य में लगे हैं. वहां उनके रहने और खाने की फ्री व्यवस्था की गई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इजराइल के राजदूत कुछ दिन पहले यूपी आए थे. उन्होंने बताया कि यूपी से जो युवा काम करने इजराइल गए हैं, उनकी स्किल बहुत अच्छी है. हम और लोगों को इजराइल भेजेंगे. दरअसल ये सही है कि आज इजरायल भारत की कई क्षेत्रों में मदद कर रहा है. इजरायल केवल भारत ही नहीं अरब देशों को भी इस तरह मैनेज किया हुआ है कि सभी विरोध करते हैं पर अंतर्मन से नहीं.
यही कारण है कि इजरायल के खिलाफ कोई भी कार्रवाई सफल नहीं हो पाती है. पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने प्रियंका के फिलिस्तीन वाले बैग लेकर संसद में जाने पर तारीख करते हुए एक बात कही उस पर गौर किया जाना चाहिए. फवाद चौधरी ने कहा कि जो हिम्मत फिलिस्तीन को लेकर प्रियंका ने दिखाई है वैसी तो पाकिस्तान में कोई सांसद नहीं दिखा सकता. हम इस एक लाइन से समझ सकते हैं कि प्रियंका ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए कितना बड़ा कदम उठाया है. जाहिर है कि वे अपने लक्ष्य में सफल साबित हुईं हैं. राहुल और प्रियंका के इन स्टेप्स के चलते समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी जैसे दलों में चिंता की लकीरें हैं.