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तृतीय दिवस में बाघ पर सवार स्वर्ण के समान रंग एवं छटा वाली मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।इस दिन पीला, लाल, दूधिया या केसरिया रंग कपड़े पहनना शुभ माने जाते हैं एवं इन रंगों के कपड़े पहनकर देवी की आराधना करने से उनका आशीर्वाद एवं कृपा की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में चतुर्थ दिवस में इस भव संसार के ब्रह्मांड की रचना करने वाली दुर्गा मां के चौथे रूप के रूप में देवी कुष्मांडा की आराधना एवं भक्ति की जाति है। इस दिन इस प्रकृति की देवी के स्वरूप की मन से आराधना करना शुभ फल देने वाला है एवं देवी प्रकृति की देवी हैं इनकी उपासना इस दिवस में पीला ,हरा, लाल और भूरे रंग का वस्त्र पहनकर करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, एवं देवी प्रसन्न होती हैं। नवरात्रि के पावन पर्व पर पंचम दिवस पर पंचमी तिथि को भगवान कार्तिकेय की माता देवी स्कंदमाता की आराधना एवं श्रद्धा के साथ पूजा की जाती है। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर छठवें दिन ऋषि कात्यायन की पुत्री कात्यायनी मां की पूजा अर्चना का शास्त्रों में पूजा का विधान माना जाता है। माता कात्यायनी अमोघ फलदाईनी होती हैं भक्तों द्वारा इस दिन लाल, नारंगी, गुलाबी, गेरुआ, मूंगा रंग के कपड़े पहनकर माता रानी की पूजा करने से ऐश्वर्या के साथ वैवाहिक जीवन में शांति सुख समृद्धि प्राप्त होती है। दुर्गा पूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा तथा अर्चना का विधान है, नवरात्रि की पूजा में तंत्र साधना करने वाले लोग इस दिन काले रंग का वस्त्र धारण करके इनकी पूजा अर्चना करते हैं साधकों को इस दिन बैगनी, स्लेटी ,नीला एवं आसमानी रंग का वस्त्र धारण कर मां के इस दिव्य रूप की पूजा अर्चना करनी चाहिए जिससे संपूर्ण ग्रह बाधाएं दूर होती हैं। नवरात्रि के आठवें दिन सर्व सौभाग्य दाइनी देवी महागौरी की उपासना का दिन माना जाता है। यह अत्यंत पवित्र दिन होता है और यह देवी धन, वैभव, सुख, शांति की शक्तिशाली देवी मानी जाती हैं। इनकी पूजा के दौरान साधकों को रातों को केसरिया संतरी गुलाबी या लाल रंग के वस्त्र धारण करके पूजा करनी चाहिए जिससे सुख एवं सौभाग्य की अखंड प्राप्ति होती है। शिवरात्रि मैं माताओं के नौ रूपों में दुर्गा पूजा के नौवें तथा आखरी दिन संपूर्ण विधि विधान, रीति रिवाज और पूर्ण निष्ठा के साथ देवी की आराधना करने वाले साधकों को संपूर्ण सिद्धिया प्राप्त होती हैं और इनकी उपासना के समय हरा धागों को लाल गुलाबी नारंगी रंग के वस्त्र पहनने से समाज में पद प्रतिष्ठा वैभव एवं धन की प्राप्ति होती है।