देश के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक HDFC बैंक इन दिनों एक नए विवाद के केंद्र में है. बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD & CEO) शशिधर जगदीशन पर लीलावती कीर्ती लाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट (LKMM ट्रस्ट) ने भारी वित्तीय गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. अब बैंक ने जगदीशन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि यह आरोप झूठे और दुर्भाग्यपूर्ण हैं. यह पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल है. वहीं दूसरी ओर, ट्रस्ट का दावा है कि जगदीशन ने करोड़ों रुपये की अवैध धनराशि प्राप्त की और उन्होंने सबूतों को दबाने की कोशिश भी की.
HDFC बैंक का क्या है जवाब?
बैंक ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि, “ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद, असंगत और झूठे हैं. हम इन्हें मजबूती से नकारते हैं.” बैंक ने बताया कि प्रशांत मेहता, जो ट्रस्ट के एक ट्रस्टी हैं और उनके परिवार पर एचडीएफसी बैंक का बड़ा कर्ज बकाया है जिसे वह सालों से नहीं चुका पाए हैं. बैंक ने पिछले 20 सालों में कई बार रिकवरी के लिए कानूनी कार्यवाही की लेकिन हर बार मेहता परिवार ने तरह तरह के कारनामों से प्रक्रिया को लंबित कर दिया है. इससे इतर, बैंक ने यह भी कहा कि, “सुप्रीम कोर्ट तक हारने के बाद अब उन्होंने बैंक के सीईओ पर व्यक्तिगत हमला किया है, ताकि कर्ज वसूली की प्रक्रिया को रोका जा सके और बैंक को धमकाया जा सके.”
