सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद बड़ा हादसा हुआ। भगदड़ का मुख्य कारण यह था कि यहां कथा कहने आए कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे। बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ को एक हिस्से से को रोका गया इसी दौरान भगदड़ मच गई।
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ की घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। भगदड़ के दौरान अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत सूचना मिली है। वहीं, शांतिपूर्ण चले सत्संग के समापन के बाद अचानक मची भगदड़ की मुख्य वजह भी सामने आ गई है।
मिली जानकारी के अनुसार, जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद बड़ा हादसा हुआ। भगदड़ का मुख्य कारण यह था कि यहां कथा कहने आए कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे।
भीड़ को रोकने मची भगदड़
बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ को एक हिस्से से को रोका गया, इसी दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 90 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। मृतकों में हाथरस और एटा के रहने वाले हैं।
मृतकों को अलीगढ़ और एटा पहुंचा गया है।। मौके पर डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल रवाना हो गए हैं। आईजी शलभ माथुर सिकंदराराऊ के लिए रवाना हो गए हैं।
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हादसे के पीछे व्यवस्थापकों की गलती
दोपहर लगभग 12.30 बजे सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाज़े से निकाला जा रहा था। इससे अंदर दबाव बढ़ गया। वहां एक गहरा गड्ढा था, जिसमें कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे। गड्ढे में गिरकर कई लोगों की मौत हो गई।
कौन हैं कथावाचक भोले बाबा?
हाथरस में सत्संग करने आए कथावाचक भोले बाबा जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। इनका मुख्य नाम एसपी सिंह है। भोले बाबा ने 17 वर्ष पहले पुलिस में एसआई के पद से नौकरी छोड़ी थी और इसके बाद से सत्संग शुरू कर दिया था।
बताया गया कि एसपी सिंह (भोले बाबा) ने नौकरी के दौरान ही वे मानव धर्म सेवा के उपदेश देना शुरू कर दिया था। वहीं, भोले बाबा और उनके अनुयायी आम तौर पर मीडिया से दूर ही रहते हैं।