Explore

Search

October 29, 2025 7:04 am

GST Council: जानिए अब क्या होगा? ₹2000 से कम के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर 18% जीएसटी का मामला अटका….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में हो रही है. इस बीच सबसे अधिक चर्चा डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 2,000 रुपये तक के छोटे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटर्स (Payment Aggregators) पर 18% जीएसटी लगाए जाने को लेकर होने वाले ऐलान पर नजर थी. लेकिन इसे लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है और इस मामले को फिलहाल फिटमेंट कमेटी के पास भेज दिया गया है.

फिटमेंट कमेटी के पाले में पहुंची गेंद

जीएसटी काउंसिल की बैठक में शामिल हुए उत्तराखंड के वित्त मंत्री (Uttarakhand FM) प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 54वीं जीएसटी मीटिंग में छोटे ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाए जाने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है. उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये से कम के ट्रांजैक्शन से होने वाली आय पर पेमेंट एग्रीगेटर्स पर ये टैक्स लगाने पर चर्चा की गई, लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका, जिसके बाद इस मुद्दे को फिटमेंट कमेटी के पास भेज दिया गया है, अब कमेटी इस मुद्दे को लेकर गहन विचार करने के बाद काउंसिल को रिपोर्ट सौंपेगी.

दरअसल, 2000 रुपये से कम मूल्य के ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने के प्रस्ताव में ये तर्क दिया गया था कि पेमेंट्स एग्रीगेटर ट्रांजैक्शंस के लिए मध्यस्थ के रूप में काम करते हैं और इसलिए उन्हें बैंकों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाना चाहिए. मतलब फिटमेंट पैनल इन पर जीएसटी लगाने के पक्ष में है. बता दें कि फिलहाल, पेमेंट्स एग्रीगेटर्स को 2,000 रुपये से कम की राशि के लेन-देन पर जीएसटी से छूट दी गई है.

Bigg Boss18: द कपिल शर्मा शो फेम चंदू चायवाला ने ठुकराया सलमान खान का शो, कहा- इतने कैमरों…

80% पेमेंट्स 2000 रुपये से कम

भारत में कुल डिजिटल पेमेंट्स में से 80 फीसदी से ज्यादा ट्रांजैक्शंस न 2,000 रुपये से कम मूल्य के होते हैं. 2016 में की गई नोटबंदी (Demonetisation) के दौरान सरकार की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पेमेंट्स एग्रीगेटर्स को इन लेनदेन पर व्यापारियों को दी जाने वाली सेवाओं पर टैक्स लगाने से रोका गया था. एग्रीगेटर अभी व्यापारियों से प्रति ट्रांजैक्शन 0.5% से 2% तक शुल्क वसूलते हैं. ऐसे में अगर इन छोटे पेमेंट्स पर GST लागू होता है, तो फिर इसके बाद पेमेंट्स एग्रीगेटर्स इस अतिरिक्त लागत को व्यापारियों पर डाल सकते हैं.

यहां बता दें कि अब फिटमेंट कमेटी छोटे ट्रांजैक्शंस पर 18 फीसदी जीएसटी के मामले में संभावित प्रभावों का विश्लेषण करेगी और काउंसिल के विचार के लिए सिफारिशों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी. अगर इसके बाद ये जीएसटी लागू करने का फैसला लिया जाता है, तो फिर यूपीआई के जरिए पेमेंट करने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. ये अतिरिक्त रकम सिर्फ डेबिट कार्ड (Debit Card) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) व नेट बैंकिंग द्वारा किए गए पेमेंट पर ही देनी होगी.

‘आप’ ने किया था प्रस्ताव के विरोध का ऐलान 

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने जीएसटी काउंसिल की बैठक से ठीक पहले रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि AAP जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान दो प्रस्तावों का विरोध करेगी. इनमें से एक शिक्षण संस्थानों को मिलने वाले रिसर्च ग्रांट पर लगने वाले जीएसटी का मुद्दा है और दूसरा 2000 रुपये से कम के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव है.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर