जयपुर के जनपथ और उसके आसपास लंबे समय से चली आ रही पार्किंग समस्या अब खत्म होने वाली है। हाईकोर्ट के सामने गोल्फ क्लब परिसर में जेडीए द्वारा तैयार किया जा रहा दो मंजिला भूमिगत पार्किंग प्रोजेक्ट लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही इसका लोकार्पण किया जाएगा।
बता दें कि 50 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह प्रोजेक्ट न सिर्फ जनपथ की पार्किंग व्यवस्था को दुरुस्त करेगा, बल्कि अंबेडकर सर्किल से स्टैच्यू सर्किल तक की सड़कों को भी अवैध पार्किंग के दबाव से राहत देगा।
पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 सितंबर 2023 को इस पार्किंग प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। निर्धारित समय अप्रैल 2024 तक काम पूरा नहीं हो सका, लेकिन अब प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है और परीक्षण कार्य जारी है। प्रोजेक्ट तैयार होते ही हाईकोर्ट, SMS स्टेडियम और आसपास स्थित दफ्तरों के लिए एक बेहतर पार्किंग विकल्प उपलब्ध होगा।
कैसे बदलेगी पार्किंग की तस्वीर
जनपथ और आसपास की गलियों में वाहनों की सड़क पर खड़ी गाड़ियां लंबे समय से ट्रैफिक अवरोध का कारण बनी हुई थीं। पार्किंग सुविधा न होने से भवानी सिंह रोड और हाईकोर्ट के रास्तों पर भी दबाव बना रहता था। नए पार्किंग प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद सैकड़ों गाड़ियां भूमिगत पार्क हो सकेंगी, जिससे सड़कें अधिक सुव्यवस्थित और जाममुक्त रहेंगी।
वाहन चालक भवानी सिंह रोड पर पोलो क्लब के पास बने एंट्री गेट से पार्किंग में प्रवेश करेंगे। बाहर निकलने का मार्ग जनपथ स्थित गेट से होगा। इसके लिए नौ हजार वर्गमीटर क्षेत्र में आधारभूत संरचना तैयार की गई है। पार्किंग से सीधे हाईकोर्ट परिसर जाने के लिए एक विशेष भूमिगत मार्ग भी बनाया गया है, जिससे वाहन चालकों को सड़क पार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कैपेसिटी और सुविधाएं
जेडीए ने दो स्तरों पर तैयार इस पार्किंग में कुल 701 वाहनों की क्षमता विकसित की है। पहले तल पर 237 कारें और 190 दोपहिया वाहन पार्क हो सकेंगे, जबकि दूसरे तल पर 274 कारों की व्यवस्था है। पार्किंग में सात लिफ्टें, आधुनिक अग्निशमन सिस्टम, स्मार्ट पार्किंग सोल्यूशन और फोर्स वेंटिलेशन जैसी सुविधाएं दी गई हैं। धुएं या दम घुटने जैसी स्थिति के लिए अलग से तकनीकी व्यवस्था तैयार की गई है।
उत्तर भारत में पहली बार ‘स्काई लाइट तकनीक’
यह प्रोजेक्ट अपनी तकनीक के कारण भी बेहद खास है। उत्तर भारत में पहली बार स्काई लाइट तकनीक का उपयोग करते हुए माइनस-2 फ्लोर पर बिना बिजली के प्राकृतिक रोशनी पहुंचाई जा रही है। ग्राउंड फ्लोर पर लगाई गई मेटैलिक पेटेंट शीट्स सूर्य की रोशनी को विशेष पाइपों के माध्यम से नीचे तक पहुंचाती हैं।
कुल 36 पाइपों से आने वाली यह रोशनी सुबह 8 बजे से लेकर शाम तक पार्किंग को “दिन जैसा उजियारा” देती है। इससे बिजली की खपत में बड़ी बचत होगी। इस तकनीक पर जेडीए ने करीब 32 लाख रुपए खर्च किए हैं।
वाहन खोजने में आसानी के लिए कलर-कोडिंग
वाहन चालक को अपने वाहन की लोकेशन पहचानने में आसानी हो, इसके लिए पार्किंग को तीन जोन में बांटा गया है। हर जोन के कॉलम अलग-अलग रंगों में पेंट किए गए हैं, साथ ही कॉलम पर नंबर भी दिए गए हैं। इससे बड़े पार्किंग एरिया में वाहन पहचानने में समय कम लगेगा।
हाईकोर्ट की ओर जाने वाले भूमिगत मार्ग की दीवारों को जयपुर की विरासत दर्शाती आकर्षक पेंटिंग से सजाया गया है। पार्किंग की वास्तुकला में कॉलम को ‘कीप’ के आकार की अनूठी आकृति दी गई है, जो संरचना को मजबूती और सौंदर्य दोनों प्रदान करती है।
प्रोजेक्ट के शुरू होते ही जनपथ, अंबेडकर सर्किल, स्टैच्यू सर्किल और आसपास के व्यस्त क्षेत्रों में सड़क किनारे खड़े वाहनों की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। SMS स्टेडियम में होने वाले आयोजनों के दौरान भी पार्किंग प्रबंधन सुगम होगा। जेडीए का यह प्रोजेक्ट राजधानी को स्मार्ट और सुव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था की ओर एक बड़ा कदम माना जा रहा है।





