गोल्ड की कीमतों में लगातार दूसरे दिन जोरदार तेजी दिखी। 1 अगस्त को कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स सुबह 10:26 बजे 612 रुपये यानी 0.89 फीसदी के उछाल के साथ 69,624 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रहा था। उधर, 31 जुलाई को सोने की अंतरराष्ट्री कीमतों में तेजी देखने को मिली। इसकी वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे हैं। फेडरल रिजर्व ने कहा है कि अगर इनफ्लेशन कंट्रोल में रहता है तो वह सितंबर में इंटरेस्ट रेट में कमी कर सकता है। इसका असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ा। स्पॉट गोल्ड 1.2 फीसदी बढ़कर 2,437.39 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। मार्च के बाद जुलाई में गोल्ड की कीमतों में पहली बार ऐसी तेजी दिखी है। यह जुलाई में 4 फीसदी से ज्यादा चढ़ा है। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.9 फीसदी चढ़कर 2,473 डॉलर प्रति औंस था।
सितंबर में इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद से बढ़ी सोने की चमक
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने 2 दिन चली बैठक के बाद 31 जुलाई को कहा कि इनफ्लेशन के कंट्रोल में आने के संकेत दिखे हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि फेडरल रिजर्व सितंबर की मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट में कमी कर सकता है। न्यूयॉर्क के इंडिपेंडेंट मेटल ट्रेडर ताई वोंग ने कहा, “गोल्ड (Gold) और सिल्वर में उछाल है, क्योंकि पॉवेल के बयान से सितंबर में इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि, पॉवेल ने इंटरेस्ट रेट में 0.50 फीसदी कमी की संभावना से इनकार किया है।”
अगले 2-3 महीनों में 2700 डॉलर तक जा सकता है गोल्ड
वोंग ने कहा कि यह देखना होगा कि पॉवेल के इस बयान के बाद गोल्ड का प्राइस नई ऊंचाई पर पहुंचता है या नहीं। उधर, मध्यपूर्व में जियोपॉलिटिकल रिस्क बढ़ने से भी सोने को मजबूती मिली है। ईरान में 31 जुलाई को हमास के लीडर इस्माइल हानिये के मारे जाने के बाद मध्यपूर्व में तनाव बढ़ा है। इस इलाके में पहले से तनाव है। आरजेओ फ्यूचर्स के सीनियर मार्केट स्ट्रेटेजिस्ट बॉब हेबरकोर्न ने कहा कि अगर फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट घटाता है और मध्यपूर्व में तनाव बना रहता है तो सोने का भाव 2,700 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है।
इंडिया में भी मांग बढ़ने से सोने की कीमतों में आएगी तेजी
इधर, इंडिया में 23 जुलाई को यूनियन बजट में गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी घटने के ऐलान से सोने पर दबाव दिखा था। इसकी कीमतों में तेज गिरावट आई थी। लेकिन, अब कीमतों में स्थिरता दिख रहा है। इंडिया दुनिया में सोने का सबसे बड़ा कंज्यूमर है। सोने की कीमतों में कमी के बाद इसमें निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ सकती है। आगे त्योहारों का असर भी सोने की कीमतों पर दिख सकता है।