वैश्विक केंद्रीय बैंकों की लगातार सोना खरीदने की आदत, भू-राजनीतिक तनावों का बढ़ना और एशिया में मजबूत मांग से विदेशी बाजारों में सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. अनुमान है कि यह 4,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सोने से बेहतर प्रदर्शन करने वाली चांदी की कीमतें औद्योगिक इस्तेमाल और बढ़ते आपूर्ति घाटे से करीब 75 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती हैं.
2025 में इतने डॉलर पहुंचेगी सोने की कीमत
2025 में सोने की कीमत 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 4,000 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस को पार कर गई. इस साल यह 35 से ज्यादा बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची. सोने में यह तेजी वैश्विक अनिश्चितताओं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी से आई है.
भारत में 1.35 लाख रुपये तक जाएगा सोने का भाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सोने की कीमत पिछले हफ्ते 1.20 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई. आगे यह 1.35 लाख रुपये तक जा सकती है. वहीं, चांदी जो इस साल 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है, उसके घरेलू बाजार में 2.3 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंचने का अनुमान है.
जिंस और मुद्रा के शोध प्रमुख नवनीत दमानी ने कहा, “केंद्रीय बैंकों का विविधीकरण सर्राफा बाजार को नया रूप दे रहा है. पहली बार संस्थागत मांग और सरकारी खरीदारी लंबे समय के मूल्य निर्माण से जुड़ रही हैं.”
मानव मोदी और नवनीत दमानी ने कहा कि सोना कॉमेक्स पर 4,000 डॉलर प्रति औंस और घर में 1,20,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया है. उन्होंने कहा, “हालांकि गिरावट के दौर आ सकते हैं, लेकिन रिकॉर्ड ऊंचाई से ऊपर रहने पर कॉमेक्स पर 4,500 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है. अगर डॉलर-रुपया 89 पर माना जाए, तो घरेलू स्तर पर 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है.”
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