Explore

Search

November 26, 2025 1:23 am

राजस्थान में इतिहास रचेगा घूमर महोत्सव-2025: 19 नवंबर को 7 संभागों में एक साथ घूमेंगी 5000+ घूमरियां!

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

Ghoomar Festival 2025 : राजस्थान की लोक-संस्कृति की पहचान घूमर नृत्य अब नए आयाम गढ़ने जा रहा है, राज्य सरकार की मंशा और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी की पहल पर इस वर्ष पहली बार एक भव्य और सर्वजन सहभागिता वाले घूमर फेस्टिवल–2025 का आयोजन किया जा रहा है.

19 नवंबर को प्रदेश के सातों संभागीय मुख्यालय जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर और भरतपुर में एक ही दिन, एक ही समय पर किया जाएगा. पर्यटन विभाग की जानकारी के अनुसार प्रदेशवासियों में उत्साह के चलते घूमर महोत्सव सांस्कृतिक पर्व रिकॉर्ड बना रहा है.अब तक 4521 से अधिक ऑनलाइन पंजीकरण प्राप्त हो चुके हैं, जबकि 500 आवेदन ऑफलाइन प्राप्त हुए हैं.

संभागीय स्तर पर पंजीकरण

जिला-वार पंजीकरण में जोधपुर 1636 आवेदनों के साथ प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रथम रहा, जबकि जयपुर ने 1070 पंजीकरण के साथ दूसरा स्थान हासिल किया. साथ ही अजमेर- 557, भरतपुर- 272, बीकानेर- 635, कोटा- 193, उदयपुर- 158 रजिस्ट्रेशन हुए हैं.आंकड़े बताते हैं कि घूमर के प्रति आकर्षण अब सिर्फ मारवाड़ या मेवाड़ तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान के जन-जीवन में गहराई तक रचा-बसा है, वहीं राजस्थान छोड अन्य प्रदेशों में रह रही महिलाओं ने भी घूमर महोत्सव में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया.

युवा पीढी ने भी घूमर नृत्य में कदम बढ़ाया

आयु वर्ग में 18–25 वर्ष समूह सबसे आगे बढ चढकर 575 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया. इसके बाद 26–35 आयु वर्ग में 769 प्रतिभागी दर्ज हुए. 50 से अधिक आयु के प्रतिभागियों की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही, जिसने इस आयोजन को इंटर-जनरेशनल फेस्टिवल का स्वरूप दिया है जहाँ परंपरा और नवपीढ़ी साथ कदमताल करती दिख रही है.

यानी कह सकते है कि राजस्थान के घूमर नृत्य से युवा पीढी भी जुडने के लिए कदम बढा रही है, राज्य सरकार की भी यही सोच राजस्थान की कला संस्कृति और परंपरा से युवा पीढी भी जुडे जिससे पीढी दर पीढी प्रदेश की संस्कृति बनी रहे.

समूह-श्रेणी में स्कूल और कॉलेज सबसे आगे रहे—कुल 1993 पंजीकरण किया, एनजीओ, स्वयंसेवी संगठनों, सांस्कृतिक संस्थाओं, क्लबों और प्रोफेशनल ग्रुप्स ने भी उत्साहपूर्वक भागीदारी दर्ज की है. युवा पीढ़ी राजस्थानी लोक कलाओं को नई पहचान देने में अहम भूमिका निभा रही है.

जोधपुर और जयपुर में सर्वाधिक पंजीकरण, बढ़ी प्राइज मनी

पंजीकरण के बढ़ते आँकड़ों ने इस बार पुरस्कार राशि पर भी सीधा असर डाला है. महोत्सव में पुरस्कार राशि दो श्रेणियों में तय की गई है. 1500 या उससे अधिक पंजीकरण वाले संभाग व 1500 से कम पंजीकरण वाले संभाग- सबसे अधिक पंजीकरण जोधपुर (1,636) और जयपुर (1,070) में दर्ज हुए हैं, 1500+ पंजीकरण श्रेणी में आने के कारण इन दोनों संभागों को उच्च प्राइज मनी दी जाएगी.

अन्य संभागों-बीकानेर (635), अजमेर (557), भरतपुर (272), कोटा (193) और उदयपुर (158)—में मानक राशि लागू होगी. जहाँ ज्यादा पंजीकरण, वहाँ दुगुनी चमक वाली प्राइज मनी 1500+ पंजीकरण वाले संभागों के लिए उच्च श्रेणी की पुरस्कार राशि(जोधपुर व जयपुर पर लागू)

बेस्ट ग्रुप डांस — विजेता ₹51,000 | उपविजेता ₹31,000

बेस्ट ग्रुप कॉस्ट्यूम — विजेता ₹25,000 | उपविजेता ₹15,000

बेस्ट ग्रुप ज्वेलरी — विजेता ₹25,000 | उपविजेता ₹15,000

बेस्ट ग्रुप सिंक्रोनाइज़िंग — विजेता ₹22,000 | उपविजेता ₹14,000

बेस्ट ग्रुप कोरियोग्राफी — विजेता ₹22,000 | उपविजेता ₹14,000

कुल पुरस्कार राशि

विजेता वर्ग—₹1,45,000

उपविजेता वर्ग—₹89,000

1500 से कम पंजीकरण वाले संभागों के लिए मानक पुरस्कार राशि

बेस्ट ग्रुप डांस — ₹21,000 | ₹11,000

बेस्ट ग्रुप कॉस्ट्यूम — ₹11,000 | ₹7,000

बेस्ट ग्रुप ज्वेलरी — ₹11,000 | ₹7,000

बेस्ट ग्रुप सिंक्रोनाइज़िंग — ₹11,000 | ₹7,000

बेस्ट ग्रुप कोरियोग्राफी — ₹11,000 | ₹7,000

कुल पुरस्कार राशि:

विजेता वर्ग—₹65,000

उपविजेता वर्ग—₹39,000

Image Element

काउंटडाउन में बढ़ता जोश

अक्टूबर और नवंबर के आंकड़े बताते हैं कि जैसे-जैसे महोत्सव नजदीक आ रहा है, तैयारियों की गति भी तेजी पकड़ रही है. नवंबर में ही 1509 आवेदन प्राप्त हुए, जबकि अक्टूबर में यह संख्या 155 रही है. यह बढ़ती गति महोत्सव को लेकर प्रदेशवासियों के उत्साह और अपेक्षाओं की प्रतीक है.राज्य सरकार और पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित यह महोत्सव राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. घूमर जो सदियों से सामाजिक उत्सवों, पर्वों और रीति रिवाज़ों में शामिल रहा है अब एक राज्यव्यापी सांस्कृतिक ब्रांड के रूप में उभर रहा है.

4521 पंजीकरण का आँकड़ा इस बात का साक्ष्य है कि घूमर केवल एक नृत्य नहीं, बल्कि राजस्थान की आत्मा, आस्था और विरासत का जीवंत प्रतीक है. राजस्थान 19 नवंबर को एक साथ, एक लय में, एक रंग में अपने लोकनृत्य की अनंत ताल पर दुनिया को अपनी सांस्कृतिक शक्ति दिखाने के लिए तैयार है.

Other news- https://sanjeevnitoday.com/jaipur-will-get-relief-from-jam-new-underpass-will-be-built-near-the-old-octroi-on-ajmer-road-big-decision-of-jda/

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर