अगर आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO के मेंबर हैं और क्लेम, पासबुक या यूएएन कार्ड जैसी चीजों के लिए ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं, तो अब ऐसा करने की जरूरत नहीं है. सरकार ने उमंग ऐप (UMANG App) के ज़रिए आपके पीएफ से जुड़ी लगभग सारी सेवाएं मोबाइल पर ही ला दी हैं.
यानी अब पीएफ का क्लेम करना हो या पासबुक देखनी हो सब कुछ एक ही क्लिक में आपके फोन पर संभव है. चलिए जानते हैं UMANG App से आपको क्या-क्या फायदा मिल सकता है और इसे कैसे इस्तेमाल करना है.
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PF क्लेम करना आसान
UMANG App पर EPFO की क्लेम सेवा के ज़रिए आप अपने यूएएन नंबर के अगेंस्ट पीएफ का क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए आपको बस अपना मोबाइल नंबर और MPIN दर्ज करना होता है. अगर आप पहली बार उमंग ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको पहले इसमें रजिस्ट्रेशन करना होगा. एक बार लॉगिन हो जाने के बाद, आप घर बैठे पीएफ क्लेम कर सकते हैं.
मिनटों में चेक करें क्लेम स्टेटस
पीएफ का क्लेम करने के बाद सबसे बड़ा सवाल होता है कि स्टेटस क्या है? उमंग ऐप इस टेंशन को भी खत्म कर देता है. ऐप के ज़रिए आप अपने क्लेम स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपनी मेंबर आईडी डालनी होती है और फिर आप देख सकते हैं कि आपका क्लेम किस स्टेज पर है.
UAN कार्ड कर सकते हैं डाउनलोड
UAN कार्ड की जरूरत अक्सर नौकरी बदलने या पीएफ से जुड़ी दूसरी सेवाओं के लिए होती है. अब इसके लिए आपको किसी वेबसाइट पर भटकने की जरूरत नहीं है. उमंग ऐप के ज़रिए आप अपनी डेट ऑफ बर्थ डालकर सीधे अपना UAN कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. इसे बाद में PDF के रूप में सेव भी किया जा सकता है.
पासबुक भी कर सकते हैं चेक
UMANG App आपको अपने पीएफ खाते की पासबुक भी दिखाता है. इस पासबुक में पिछले तीन महीनों का लेन-देन दिखाई देता है मतलब कितना पैसा जमा हुआ, कितना ट्रांसफर हुआ और क्या बैलेंस है. आप इसे PDF में भी डाउनलोड कर सकते हैं.
स्कीम सर्टिफिकेट
जब आप किसी नौकरी से इस्तीफा देते हैं और भविष्य में फिर कहीं काम शुरू करने की सोचते हैं, तो पेंशन सेवा जोड़ने के लिए आपको एक स्कीम सर्टिफिकेट की जरूरत होती है. अब इस सर्टिफिकेट के लिए भी उमंग ऐप पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
फेस ऑथेन्टिकेशन से UAN जनरेशन और एक्टिवेशन
अब उमंग ऐप में आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (Face Authentication Technology – FAT) के ज़रिए यूएएन जनरेशन और लॉगिन करना और भी सुरक्षित हो गया है. अगर आप पहली बार यूएएन बनवा रहे हैं तो अब आपको लंबी प्रोसेस से नहीं गुजरना पड़ेगा. इसके अलावा पहले से मिला हुआ यूएएन अगर एक्टिवेट नहीं है, तो उसे भी अब फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए एक्टिव किया जा सकता है. साथ ही अगर आपका यूएएन पहले से एक्टिव है, तब भी आप फेस ऑथेंटिकेशन से अपनी पहचान पक्की कर सकते हैं, जिससे लॉगिन और क्लेम जैसे प्रोसेस और भी आसान हो जाते हैं.
