विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की ओर से भारतीय शेयर बाजारों और बॉन्ड बाजार में निवेश का सिलसिला जुलाई महीने में भी जारी रहा। जुलाई में FPI ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 32,365 करोड़ रुपये का निवेश किया। नीतिगत सुधार जारी रहने की उम्मीद, सतत आर्थिक वृद्धि और कंपनियों के उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे इसके पीछे अहम कारण हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, हालांकि अगस्त महीने के पहले दो कारोबारी सत्रों 1-2 अगस्त को FPI ने शेयरों से 1,027 करोड़ रुपये निकाले।
बजट में इक्विटी निवेश पर कैपिटल गेन्स टैक्स में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद से FPI फ्लो में मिला-जुला रुख देखने को मिला है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था और बाजारों से जुड़े घटनाक्रम अगस्त में FPI की गतिविधियों का रुख तय करेंगे।
अमरनाथ यात्रा: बाबा बर्फानी के दर्शन…….’26 दिन में 4.25 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किये……..’
जून में भी बायर रहे थे FPI
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, FPI ने जुलाई में शुद्ध रूप से शेयरों में 32,365 करोड़ रुपये डाले हैं। इससे पहले राजनीतिक स्थिरता और बाजारों में तेज उछाल के कारण जून में उन्होंने शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया था। FPI ने चुनावी नतीजों को लेकर असमंजस के बीच मई में शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि की चिंता के बीच अप्रैल में उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी।
मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और एशियाई विकास बैंक (ADB) की ओर से भारत की GDP के अनुमान में बढ़ोतरी की वजह से भी FPI निवेश बढ़ेगा। चीन के वृद्धि दर के अनुमान में कमी की गई है। यह भी भारत के पक्ष में है।
बॉन्ड बाजार में जुलाई में कितना निवेश
आंकड़ों के अनुसार, FPI ने जुलाई में शेयरों के अलावा डेट या बॉन्ड बाजार में 22,363 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे इस साल अब तक बॉन्ड बाजार में उनका निवेश बढ़कर 94,628 करोड़ रुपये हो गया है। आंकड़ों के अनुसार, FPI ने जून में डेट या बॉन्ड बाजार में 14,955 करोड़ रुपये डाले थे। मई महीने में 8,761 करोड़ रुपये डाले थे और अप्रैल में 10,949 करोड़ रुपये निकाले थे। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने मार्च में बॉन्ड बाजार में 13,602 करोड़ रुपये, फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया था।