अक्टूबर का पहला सप्ताह देश के कई हिस्सों को सरोबार कर गया. बंगाल की खाड़ी से लेकर अरब सागर तक में बने माहौल की वजह से पूर्वोत्तर से लेकर कोलकाता, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में खूब बारिश हुई. देश की राजधानी में भी पिछले 7-8 दिनों में बदरा जमकर बरसे. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तर भारत में माहौल बदलने का पूर्वानुमान जताया है, जबकि दक्षिण भारत के कई प्रदेशों में अगले 4 से 5 दिनों तक मध्यम से तेज बारिश हो सकती है. दूसरी तरफ, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से दक्षिण-पश्चिम मानसून के लौटने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं. वेदर एक्सपर्ट के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में सालक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, लेकिन इसके प्रभावी होकर बारिश कराने की संभावना फिलहाल नहीं है.
पहले दिल्ली की बात करते हैं. अक्टूबर के पहले हफ्ते में दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है. बेस स्टेशन सफदरजंग पर 1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच कुल 90 मिमी वर्षा हुई है, जो कि मासिक सामान्य औसत 14.1 मिमी से लगभग छह गुना अधिक है. वहीं, एयरपोर्ट ऑब्जर्वेटरी पालम पर अब तक 100 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जिसमें से 53 मिमी वर्षा पिछले 24 घंटों में ही हुई. दिल्ली और एनसीआर के सभी ऑब्जर्वेटरी में बीते दो दिनों के दौरान मध्यम से तेज बारिश रिकॉर्ड की गई है. मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अब इस हफ्ते किसी और बारिश की संभावना नहीं है. सूखे का यह दौर अगले हफ्ते तक जारी रहेगा. अभी बारिश दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों में बने चक्रवाती सिस्टम के संयुक्त प्रभाव के कारण हुई थी. पश्चिमी विक्षोभ अभी भी पर्वतीय क्षेत्रों में सक्रिय है और अगले तीन दिनों तक छिटपुट बारिश दे सकता है, हालांकि इसका असर धीरे-धीरे घटेगा. वहीं, हरियाणा और राजस्थान के ऊपर बना चक्रवाती सिस्टम (जो पहले दिल्ली क्षेत्र से गुजर रहा था) अब उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तराई तक खिसक गया है. आने वाले दिनों में यह सिस्टम नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों तक चला जाएगा.
दक्षिण भारत में भारी बारिश का अनुमान
देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी (Withdrawal) का दौर अब तेजी से आगे बढ़ रहा है. इस बीच दक्षिण भारत (South Peninsula) में उत्तर-पूर्वी मानसून (Northeast Monsoon) अपनी दस्तक देने की तैयारी में है. दरअसल, दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई ही उत्तर-पूर्वी मानसून की शुरुआत का संकेत होती है. तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक और केरल में 8 से 12 अक्टूबर के बीच मध्यम से हल्की छिटपुट बारिश होने की संभावना है. बारिश की तीव्रता में कुछ दिन का हल्का विराम आ सकता है, लेकिन अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में बारिश दोबारा जोर पकड़ सकती है. इस दौरान बंगाल की खाड़ी में हवाओं का रुख बदलता हुआ नजर आ रहा है, पश्चिमी हवाओं की जगह पूर्वी हवाएं (Easterlies) ले रही हैं, जो उत्तर-पूर्वी मानसून की शुरुआत का प्रमुख संकेत मानी जाती हैं. स्काईमेट वेदर की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले दिनों में दक्षिण भारत के आंतरिक हिस्सों में भी बारिश बढ़ेगी और कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. बारिश से प्रभावित होने वाले प्रमुख शहरों में चेन्नई, विल्लुपुरम, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर, त्रिची, मदुरै, तिरुपति, अनंतपुर, कर्नूल, ओंगोल, बेंगलुरु, मैसूर, मैंगलुरु, कोच्चि, कोल्लम, कोट्टायम और त्रिशूर शामिल हैं.
बिहार-यूपी में हुई बारिश
अगले 24 घंटे के दौरान दक्षिण कर्नाटक, केरल, तटीय कर्नाटक और तमिलनाडु में मध्यम वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है. पूर्वोत्तर भारत, गंगा के मैदान वाला पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा और दक्षिण कोंकण व गोवा में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है. पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और मध्य महाराष्ट्र में हल्की वर्षा संभव है. इससे पहले पूर्वोत्तर भारत, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, लक्षद्वीप और जम्मू-कश्मीर में हल्की वर्षा दर्ज की गई.
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